रैयतों की सुस्ती से Bihar Land Survey की गति धीमी, सचिव बोले- सीमित अवधि के लिए है सुविधा, जल्दी कीजिए
बिहार में रैयतों की सुस्ती से बिहार भूमि सर्वेक्षण की गति काफी धीमी है। अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी रैयतों से कहा है कि बिहार सरकार ने सर्वे की सुविधा सीमित अवधि के लिए दी है। ऐसे में सभी लोग सक्रियता से इसमें भाग लें। सचिव ने बंदोबस्त पदाधिकारियों को सर्वेक्षण शिविरों का भ्रमण करने का आदेश भी दिया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। विशेष भूमि सर्वेक्षण (Land Survey In Bihar) में रैयतों की सुस्ती से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग हैरान है। रैयतों को स्वघोषणा दाखिल करना है। प्रपत्र-2 में अपने स्वामित्व की जमीन का ब्यौरा देना है। यह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में है। ऑफलाइन में यह ब्यौरा शिविरों में लिया जाता है। ऑनलाइन में सर्वे निदेशालय की वेबसाइट पर इसे अपलोड किया जाता है।
शुक्रवार को बंदोबस्त पदाधिकारियों की समीक्षा बैठक में रैयतों की सुस्ती की समस्या सामने आई। विभागीय सचिव जय सिंह ने कहा कि रैयतों को यह सुविधा सीमित अवधि के लिए ही दी गई है, इसलिए उन्हें यह काम प्राथमिकता के आधार पर कर लेना चाहिए।
'व्यक्तिगत रूप से सर्वे शिविरों का करें भ्रमण'
विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि बंदोबस्त पदाधिकारी लगातार क्षेत्रीय भ्रमण करें। दूसरे चरण के सर्वे की तैयारी पूरी कर लें। सर्वे शिविरों का व्यक्तिगत रूप में भ्रमण करें।उन्होंने कहा कि सर्वे शिविर ऐसी जगह पर हो, जहां लोग आसानी से पहुंच सकें। अंचल कार्यालय परिसर के आधुनिक अभिलेखागारों में शिविर बने तो उसमें उपलब्ध कंप्यूटर-प्रिंटर जैसे उपस्करों का इस्तेमाल सर्वे में हो सकेगा।
बंदोबस्त पदाधिकारियों को कहा गया कि वे अंचलों में बने शिविरों का स्थान, शिविर प्रभारी का नाम एवं मोबाइल नंबर स्थानीय अखबारों में प्रकाशित करवा दें। बैठक में विशेष कार्य पदाधिकारी लक्ष्मण तिवारी सहित सभी जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारी उपस्थित थे।
2611 मौजों में अभी सर्वे शुरू नहीं
विभागीय अधिकारी जय सिंह ने बताया कि 2611 मौजों को सर्वे में शामिल नहीं किया गया है। ये शहरी क्षेत्र, असर्वेक्षित, टोपोलैंड या किसी कारण से विवादित मौजे हैं। इस समय 43,138 गांवों में सर्वे शुरू है। इन सभी मौजों में प्रपत्र-1 में उद्घोषणा कर दी गई है और सभी को भू सर्वेक्षण सॉफ्टवेयर में अपलोड भी कर दिया गया है। 35,454 गांवों में ग्राम सभा का आयोजन हो चुका है। बचे गांवों में एक सप्ताह के भीतर इसका आयोजन होगा।
सचिव ने बताया कि जिन मौजों में ग्राम सभा का आयोजन हो गया है, उनके अमीन को खतियान का सार यानी तेरीज लेखन करना है। समीक्षा में बताया गया कि 13626 मौजों में तेरीज लेखन शुरू किया गया था। इनमें से 8014 मौजों में यह पूरा हो गया है।ये भी पढ़ें- Bihar Bhumi Survey: पुश्तैनी जमीन पर स्वामित्व दिखाने के लिए तैयार करें वंशावली, ऐसे बनवाएं ये अहम डॉक्युमेंट
ये भी पढ़ें- Bihar Vanshavali Form: क्या जमीन सर्वे में पड़ेगी 'वंशावली' की जरूरत? अगर 'हां' तो कैसे करें आवेदन, सबकुछ जानिए
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।