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'नीतीश के सियासत की आखिरी कील है ट्रिपल S', Prashant Kishor का बड़ा दावा, कहा- RJD कमजोर, हमारी लड़ाई NDA से

जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि शराबबंदी जमीन सर्वे और स्मार्ट मीटर नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन की आखिरी कील साबित होंगे। आगामी विधानसभा चुनाव पर उन्होंने कहा कि 2005 के बाद से आरजेडी में कोई ताकत नहीं बची है। आज राजद काफी कमजोर हो चुकी है। हमारा मुकाबला एनडीए से है न कि कमजोर हो चुकी आरजेडी से है।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Mohit Tripathi Updated: Sun, 29 Sep 2024 06:19 PM (IST)
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पीके गांधी मैदान से जारी करेंगे बिहार के विकास का ब्लूप्रिंट।

राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) ने दो अक्टूबर को दल बनने से पहले पटना स्थित जन सुराज कैंप के एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि जन सुराज अभियान दो अक्टूबर को एक राजनीतिक दल बनने जा रहा है।

दल का स्थापना कार्यक्रम पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में दोपहर दो बजे होगा। इस कार्यक्रम में जन सुराज से जुड़े बिहार भर के लोग आ रहे हैं।

प्रशांत ने बताया कि दो अक्टूबर को पार्टी की स्थापना के दिन जन सुराज के नेता यानी अध्यक्ष, नेतृत्व परिषद और पार्टी के संविधान की घोषणा भी की जाएगी।

उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि वो न तो इस दल के नेता होंगे और नहीं नेतृत्व परिषद में शामिल होंगे। प्रशांत के मुताबिक वो पहले की तरह ही दल बनने के बाद भी बिहार की पदयात्रा करते रहेंगे।

उन्होंने ये भी बताया कि दल बनने के बाद अगले साल की शुरुआत में फरवरी-मार्च के महीने में पटना के गांधी मैदान से जन सुराज बिहार के समग्र विकास के लिए अपना ब्लूप्रिंट जारी करेगा।

उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को बताया जाएगा कैसे बिहार भी देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो सकता है। बिहार के हर एक पंचायत का अलग-अलग घोषणापत्र भी जारी किया जाएगा।

बिहार भाजपा अध्यक्ष को 10 लोग भी नहीं जानते

प्रशांत किशोर ने बीजेपी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि अगर बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को किसी गांव में खड़ा कर दिया जाए, तो उन्हें 10 लोग भी नहीं पहचान पाएंगे।

उन्होंने कहा कि यह वही बीजेपी है, जो खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है, लेकिन बिहार में उसकी स्थिति दयनीय है।

उन्होंने कहा कि बिहार में बीजेपी के पास खुद का कोई मजबूत चेहरा नहीं है। नीतीश कुमार के साथ सरकार बनाकर बीजेपी खुद को डुबो रही है।

पीके ने कहा कि आज बीजेपी के पास बिहार में कोई स्पष्ट नेतृत्व नहीं है, इसीलिए उन्होंने 43 विधायकों के साथ नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए रखा है।

प्रशांत किशोर ने इसे बीजेपी की बड़ी रणनीतिक गलती बताया और दावा किया कि इसका खामियाजा पार्टी को अगले चुनावों में भुगतना पड़ेगा।

नीतीश के सियासत की आखिरी कील साबित होगा ट्रिपल S

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि ट्रिपल S यानी - शराबबंदी, सर्वे (जमीन) और स्मार्ट मीटर नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन की "आखिरी कील" है।

शराबबंदी सिर्फ कागजों में है। जमीनी हकीकत यह है कि शराब की दुकानों को बंद कर दिया गया है, लेकिन होम डिलीवरी धड़ल्ले से चल रही है। जन सुराज शुरू से ही शराबबंदी के खिलाफ रहा है। हम मानते हैं कि इससे आने वाले राजस्व से राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में लगाया जा सकता है।- प्रशांत किशोर

झगड़े और संघर्ष का कारण बना जमीन सर्वे

उन्होंने जमीन सर्वे के मुद्दे पर कहा कि यह सर्वे गांवों में झगड़े और संघर्ष की वजह बन रहा है। नीतीश सरकार द्वारा किया गया जमीन सर्वे अगले छह महीने में हर घर और गांव में झगड़े का कारण बनेगा, और हाल की घटनाओं ने यह साबित भी कर दिया है।

स्मार्ट मीटर पर उठाया सवाल

स्मार्ट मीटर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने बताया कि जिन उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर का उपयोग शुरू किया है, वे अब इसके खिलाफ हो गए हैं, क्योंकि उनके बिजली बिल में भारी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा, लोगों के मन में यह धारणा बन गई है कि स्मार्ट मीटर के जरिए उनके बिलों में छेड़छाड़ की जा रही है।

आरजेडी की कोई ताकत नहीं बची: पीके

प्रशांत किशोर ने राजद पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि 2005 के बाद से आरजेडी की कोई ताकत नहीं बची है। राजद और उनके गठबंधन को पिछले कई चुनावों में सफलता नहीं मिली है। उन्होंने कहा "महागठबंधन की एकमात्र जीत भी नीतीश कुमार के चेहरे पर हुई थी, न कि आरजेडी के नाम पर।"

एनडीए से होगा हमारा मुकाबला, राजद बेहद कमोजर

उन्होंने कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और एनडीए ने 176 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बना रखी है, जबकि आरजेडी के पास मात्र 50 सीटों पर प्रभाव है।

उन्होंने दावा किया कि हमारा मुकाबला 176 सीटों वाले एनडीए से है, न कि कमजोर हो चुकी आरजेडी से है। उन्होंने यह भी बताया कि लालू यादव अपने दम पर सिर्फ एक बार चुनाव जीत पाए थे।

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