Lok Sabha Election 2024: नारों के अकाल से जूझ रहा यह आम चुनाव, चुनावी जनसभाओं का समय भी हो रहा कम
इस आम चुनाव में बिहार में चुनावी सभाएं हो रहीं उसमें पूर्व से चल रहे नारों को ही कोरस मिल रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभाओं का दृश्य यह है कि भीड़ पहले यह नारा लगाती है -देखो-देखो कौन आया शेर आया शेर आया। इसके बाद जय श्री राम के नारे लगते हैं। प्रधानमंत्री के मंच पर आने के बाद यह नारा लगता है-अबकी बार चार सौ पार।
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। इस बार का आम चुनाव नारों के अकाल से गुजर रहा है। तपती धूप में हो रही चुनावी जनसभाओं में भीड़ भी पूर्व के चुनावों की तुलना में कम है। मंच से नेता ही यह बात कह दे रहे हैं कि धूप की वजह से भीड़ कम है। तल्ख धूप का असर यह हुआ है कि चुनावी जनसभाओं का समय अपेक्षाकृत छोटा हो जा रहा है।
धूप में चुनावी सभा का दृश्य यह रहता है एक-दो छोटे टेंट लगा दिए जाते हैं। प्लास्टिक की कुछ कुर्सियां भी रहती हैं इसका कोई विशेष लाभ नहीं दिखता है। संबोधन को आए स्टार प्रचारक जल्दी-जल्दी अपनी बात खत्म कर दे रहे हैं। बामुश्किल दो स्टार प्रचारकों का संबोधन हो पाता है। इसकी कमी रोड शो के माध्यम से बहुत हद तक पूरी हो रही पर रोड शो में संबोधन नहीं हो पा रहा स्टार प्रचारकों को।
नए नारे की जगह पूर्व से चल रहे स्लोगन को ही मिल रहा कोरस
इस आम चुनाव में बिहार में चुनावी सभाएं हो रहीं उसमें पूर्व से चल रहे नारों को ही कोरस मिल रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभाओं का दृश्य यह है कि भीड़ पहले यह नारा लगाती है -देखो-देखो कौन आया, शेर आया, शेर आया। इसके बाद जय श्री राम के नारे लगते हैं। मौज इस अंदाज में भी है कि जब जय श्रीराम का नारा लगता है तो कुछ लोग यह जोड़ डालते हैं कि बन जाएगा काम।प्रधानमंत्री के मंच पर आने के बाद यह नारा लगता है-अबकी बार चार सौ पार। इसके अलावा भाजपा की चुनावी सभाओं में और कोई नारा नहीं चलता। चुनाव के दो चरण पूरे हो गए और तीसरा करीब है पर नए नारे नहीं दिख रहे।
मुख्यमंत्री की सभाओं में भी एक ही नारा- पूरा बिहार मेरा परिवार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभाओं में भी नए नारों की कमी है। एक बार मुख्यमंत्री ने यह ट्वीट किया था कि पूरा बिहार मेरा परिवार। यह नारा ही मुख्यमंत्री की चुनावी सभाओं में चल रहा। वैसे मुख्यमंत्री के रोड शो में जदयू का थीम गीत जरूर बज रहा। यह मुख्य रूप से नीतीश कुमार के शासन काल में हुए कार्यों पर केंद्रित है। एक नारा है काम किया है काम करेंगे।राजद की सभाओं में रोजगार को केंद्र में रख नारे चल रहे
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राजद की तरफ से चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है। उनकी चुनावी सभा में भी नए नारों का अकाल है। एक-दो नए नारे रोजगार को केंद्र में रख कर बने हैं जो प्राय: सुने जाते हैं। इनमें एक है-इस बार नौकरी देने वाली सरकार। सत्रह साल बनाम सत्रह महीने का स्लोगन भी चल रहा।ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2024: 'भगवान राम' का लिया नाम और कांग्रेस पर फूट पड़े नड्डा, अफजल गुरु का भी कर दिया जिक्र
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