बिहार में गठबंधन की गांठ : लालू-नीतीश का बड़ा दिल ही निकाल पाएगा राह, लोकसभा की 40 सीटों पर ये दल हैं चुनौती
आइएनडीआइए की मुंबई में हुई बैठक के बाद जिस तरह बिहार में लोकसभा सीटों की चर्चा तेज हुई है उससे सियासी समीकरणों का गुणा-भाग शुरू हो गया है। नीतीश कुमार ने जो मुहिम शुरू की है उसे लालू यादव के सहयोग के बिना पूरा कर पाना थोड़ा मुश्किल है। ऐसे में सीटों के बंटवारे को लेकर हर कदम सोच-समझकर आगे बढ़ाना होगा।
By Jagran NewsEdited By: Yogesh SahuUpdated: Thu, 07 Sep 2023 07:26 PM (IST)
विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। आइएनडीआइए (I.N.D.I.A) की एकता की बड़ी परीक्षा उस बिहार में ही है, जहां से विपक्षी एकता का सूत्रपात हुआ। आइएनडीआइए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Yadav) के प्रयासों का ही प्रतिफल है।
उस बिहार में गठबंधन में सम्मिलित दलों के बीच सीट बंटवारा कोई आसान काम नहीं है। 40 लोकसभा सीटों (Lok Sabha Seat) वाले बिहार में कांग्रेस व वामदलों (भाकपा, माकपा व भाकपा माले) की मांग को पूरा करने के लिए मजबूत दलों (जदयू व राजद) को ही बड़ा दिल दिखाते हुए अपने कोटे में कटौती करनी पड़ेगी।
पिछले चुनाव में एनडीए (NDA) व महागठबंधन (Mahagathbandhan) के कुछ साथी पाला बदल चुके हैं। इसलिए चौसर बदल चुकी है। एनडीए से नाता तोड़ जदयू (JDU) अब आइएनडीआइए के साथ है, जबकि आइएनडीआइए (I.N.D.I.A) के साथी वामदल पिछले चुनाव में किसी के साथ नहीं थे।
हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) (Hindustani Awam Morcha) व उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) एनडीए के साथ जुड़ चुके हैं। सीटें 40 ही हैं और दोनों ही खेमों को सभी को इसी में समाहित करना है और संतुष्ट भी रखना है।
जदयू ने 17 सीट पर लड़कर 16 में दर्ज की थी जीत
पिछले चुनाव में एनडीए के साथ रहे जदयू (JDU) ने 17 सीटों पर लड़कर 16 में जीत दर्ज की थी, जिनमें आठ सीटों पर राजद (RJD) व पांच पर कांग्रेस (Congress) दूसरे नंबर पर रही थी। 19 सीटों पर लड़ने के बावजूद राजद के हाथ एक भी सीट नहीं लगी थी, जबकि नौ सीटों पर लड़ी कांग्रेस एक पर ही कब्जा जमा पाई थी।किशनगंज (Kishanganj) की यही एकमात्र सीट एनडीए के हाथ से फिसली थी। आइएनडीआइए में सम्मिलित जदयू, राजद, कांग्रेस व वामदल, सभी ज्यादा से ज्यादा सीटें चाहते हैं। अब सीटों के लिए प्रस्ताव मांगा जाने लगा है।माले ने दे भी दिया है, लेकिन सार्वजनिक रूप से सीटों का खुलासा नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार, वह नौ सीटें चाहता है। भाकपा व माकपा भी अपनी केंद्रीय कमेटी को क्रमश: दो व चार सीटों का दावा भेज चुकी हैं।
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