Bihar News: फर्जी चालान से खनन विभाग को लगा रहे हैं लाखों का चूना, अब नीतीश सरकार ने उठाया बड़ा कदम; काम में लापरवाही हुई तो...
बिहार में ठेकेदार ने फर्जी चालान से सरकार को लाखों की चपत लगा रहे हैं। एक ही चालान की फोटो कॉपी कराकर इनका उपयोग विभिन्न योजनाओं में हो रहा है। मामला पकड़ में आने के बाद खान एवं भू-तत्व विभाग सख्त हो गया है। ऐसे में विभाग ने जिलों में तैनात खनिज निरीक्षकों से सप्ताह में कम से पांच योजनाओं की जांच की जिम्मेदारी सौंपी है।
सुनील राज, पटना। राज्य सरकार की योजनाओं में लगे ठेकेदार फर्जी चालान से सरकार को लाखों की चपत लगा रहे हैं। आलम यह है कि एक ही चालान की फोटो कापी कराकर इनका उपयोग विभिन्न योजनाओं में हो रहा है। मामला पकड़ में आने के बाद खान एवं भू-तत्व विभाग सख्त हो गया है।
विभाग ने जिलों में तैनात खनिज निरीक्षकों से सप्ताह में कम से पांच योजनाओं की जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। साथ ही स्पष्ट कर दिया गया है कि इस काम में लापरवाही हुई तो खनिज निरीक्षकों को कार्रवाई के दायरे में लाया जाएगा।
लक्ष्य 915 करोड़ वसूली हुई 329 करोड़
खान एवं भू-तत्व विभाग के अपर मुख्य सचिव रवि मनुभाई ने पिछले दिनों खान एवं भू-तत्व विभाग की योजनाओं और बालू खनन की विस्तृत समीक्षा की। जिसमें यह बात सामने आई कि कार्य विभाग जिस अनुपात में लघु खनिज का उपयोग कर रहे हैं उस अनुपात में राजस्व नहीं मिल रहा।
वर्ष 2023-24 में कार्य विभागों से 914 करोड़ रुपये की वसूली का लक्ष्य था। जिसके विरूद्ध नौ महीने में महज 329.88 करोड़ रुपये की वसूली हुई है।
शुल्क वसूली की जांच के लिए ऑडिटर की सेवा
कम राजस्व वसूली की समीक्षा में यह बात सामने आई कि कार्य विभाग के संवेदक एक ही चालान की फोटो कापी विभिन्न योजनाओं में कर रहे हैं। जिससे रायल्टी का ह्रास हो रहा है। फर्जी तरीके से हो रहे इस कार्य को रोकने के लिए अपर मुख्य सचिव ने सख्ती से निपटने के निर्देश दिए।
रायल्टी एवं मालिकाना शुल्क की वसूली की जांच के लिए आडिटर की सेवा लेने के साथ ही खान निरीक्षकों को निर्देश दिए गए कि वे सप्ताह में कम से कम पांच योजनाओं की जांच करेंगे। यदि किसी योजना की जांच में चालान संबंधी गड़बड़ी पाई जाती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
परिवहन पास ई-चालान में जुड़ेगा संवेदक का नाम
अपर मुख्य सचिव ने यह व्यवस्था भी बनाई है कि खान एवं भू-तत्व विभाग से संबंधित खनिज परिवहन पास और ई-चालान में अतिरिक्त विवरण जैसे कार्य विभाग का नाम, योजना का नाम, संवेदक का नाम एवं अंचल, थाना, मौजा जोड़ा जाएगा इस कार्य में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) का सहयोग लिया जाएगा।
इसके साथ ही खान निरीक्षकों को यह जिम्मा भी दिया गया कि खनिज चालान, ई-परिवहन पास की जांच संबंधी अपनी रिपोर्ट हर महीने पांच तारीख को विभाग को भेजेंगे।
यदि जांच के दौरान खनिज के आकलित मूल्य, स्वामित्व या पर्यावरण की क्षति से जुड़ी कोई जानकारी मिलती है तो संबंधित खनिज पर लगने वाले टैक्स के बदले स्वामित्व का 25 गुणा दंड लगाएंगे और वसूलेंगे।
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