किसी की कृपा से CM नहीं बने नीतीश कुमार, रांची में बोले बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी
बिहार सरकार में मंत्री और झारखंड प्रभारी डा. अशोक चौधरी ने रांची में अपने मन की बात कही। इस दौरान उन्होंने तेजस्वी को अगला मुख्यमंत्री बनाए जाने के सवाल का भी बड़ी ही सफाई से जवाब दिया। इसके साथ ही उन्होंने महागठबंधन के भविष्य पर चर्चा की।
By Neeraj AmbasthaEdited By: Yogesh SahuUpdated: Tue, 17 Jan 2023 09:31 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची/पटना। जदयू के झारखंड प्रभारी सह बिहार सरकार के मंत्री डा. अशोक चौधरी ने कहा है कि नीतीश कुमार किसी की कृपा से बिहार के सीएम नहीं बने हैं। वे अपनी काबिलियत से मुख्यमंत्री बने हैं। तेजस्वी यादव से संबंधित एक सवाल पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का व्यक्तित्व ही ऐसा है कि भाजपा और राजद दोनों उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करते हैं।
रांची के स्टेट गेस्ट हाउस में मीडिया से बात करते हुए डा. चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनने के लिए किसी की कृपा की जरूरत नहीं है। वे अपनी कार्यशैली और कार्यप्रणाली से मुख्यमंत्री बने हैं। उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे, तब बिहार का बजट 32 हजार करोड़ रुपये का था।
उन्होंने कहा कि आज बिहार का बजट दो लाख 32 हजार करोड़ रुपये का होता है। अगले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव को बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया जाएगा या नहीं, इस सवाल पर पूरी सफाई से उन्होंने कहा कि अगले कुछ घंटे में उन्हें बिहार लौटना है, लेकिन उन्हें पता नहीं है कि जिंदा लौटेंगे या मुर्दा। ऐसे में 2025 में क्या होगा, अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
एक सवाल पर उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार ने कभी नहीं कहा कि वे प्रधानमंत्री के उम्मीदवार हैं। उन्होंने एक बड़ा महागठबंधन तैयार करने की बात की थी। कोई भी गठबंधन हो, उसमें कांग्रेस का होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद नीतीश कुमार इसे लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ मुलाकात करेंगे।
चौधरी ने खतियान को बताया हेमंत सोरेन का राजनीतिक एजेंडा
झारखंड के तीन दिवसीय दौरे पर आए जदयू के नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी और बिहार सरकार में मंत्री डा. अशोक चौधरी ने झारखंड में 1932 आधारित स्थानीय नीति लागू होने को हेमंत सरकार का राजनीतिक एजेंडा बताया।उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि खतियान आधारित स्थानीय नीति तभी लागू हो पाएगी जब केंद्र इस पर स्वीकृति देगी। राज्य सरकार के केंद्र से संबंध जगजाहिर हैं। ऐसे में केंद्र से स्वीकृति मिलेगी या नहीं, यह बड़ा सवाल है। ऐसे में फिलहाल अभी तो यह अधर में है।
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