पटना महापौर का पद महिला के लिए आरक्षित, चुनाव के पहले ही एक दर्जन उम्मीदवार दौड़ से बाहर
Bihar municipal Chunav 2022 सरकार ने यह साफ कर दिया है कि बिहार के 248 नगर निकायों में आरक्षण की पुरानी व्यवस्था के तहत चुनाव होगा। जिसके बाद पटना महापौर का पद महिला उम्मीदार के लिए आरक्षित हो गया है।
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में नगर निकाय चुनाव को लेकर तैयारी तेज हो गई है। पटना नगर निगम क्षेत्र में महापौर बनने की पुरुषों की इच्छा धरी की धरी रह गई। महापौर का चुनाव होने के पहले ही एक दर्जन से अधिक पुरुष दौड़ से बाहर हो गए हैं। पटना नगर निगम क्षेत्र में इस बार महापौर का पद महिला के लिए आरक्षित है। इस बार महापौर को सीधे जनता चुनेगी। पुरुष उम्मीदवारों कों उम्मीदें थी कि आरक्षण रोस्टर में बदलाव होगा। इसी उम्मीद पर पुरुष चुनाव की तैयारी में कूद गए थे। कई ने तो चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया था।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि दो बार के लिए आरक्षण रोस्टर बनाया गया है। पटना नगर निगम क्षेत्र में आरक्षण रोस्टर में बदलाव के बाद सिर्फ एक बार चुनाव हुआ है। जनता दल यूनाइटेड के कमल नोपानी चुनाव की तैयारी में जुट गए थे। उन्हें उम्मीद थी कि महापौर के आरक्षण रोस्टर में बदलाव होगा तथा वे चुनाव लड़ सकेंगे। जदयू के बिट्टू सिंह भी सोशल मीडिया पर लगातार समर्थन की अपील कर रहे थे। कई राजनेता महापौर बनने की दौड़ में आगे चल चह रहे थे। मौर्यालोक शाप एसोसिएशन के राजेश कुमार उर्फ डब्लू भी महापौर बनने के लिए चुनाव लड़ने की तैयारी में थे।
महिला उम्मीदवार में अब तक निवर्तमान महापौर सीता साहू अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं। उनके विरुद्ध में उप महापौर रजनी देवी भी चुनाव लड़ सकती हैं। ऐसी अटकलें लगाई जा रही है। अब महिला उम्मीदवारों के आगे आने की संभावना हैं। सितंबर माह में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जबकि उप महापौर पद की दौड़ में अब तक कोई उम्मीदवार आगे नहीं दिख रहा है। सबकी निगाहें महापौर के आरक्षण रोस्टर पर टिकी हुई थी। गौरतलब है कि सरकार ने यह साफ कर दिया है कि बिहार में 248 नगर निकायों में आरक्षण की पुरानी व्यवस्था के तहत चुनाव होगा। इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त व सभी जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन अधिकारी (नगरपालिका) को इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है।