Bihar municipal Chunav : मेयर पद के उम्मीदवार प्रचार पर खर्च कर सकते हैं 30 लाख, कैंपेन के लिए इतनी गाड़ियों का कर सकेंगे इस्तेमाल
Bihar municipal Chunavबिहार में नगर निकाय चुनावों को लेकर तारीखों के ऐलान के साथ ही उम्मीदवारों ने तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच राज्य चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि मेयर पद उम्मीदावर चुनाव में प्रचार में 30 लाख तक खर्च कर सकते हैं।
जागरण संवाददाता, पटना : नगर निगम के मेयर पद के उम्मीदवार 30 लाख रुपये तक चुनाव प्रचार पर खर्च कर सकते हैं। जन संपर्क के लिए 16 बाइक-आटो अथवा आठ मोटरकार का उपयोग करने की इजाजत होगी। डिप्टी मेयर अथवा उप-मुख्य पार्षद उम्मीदवार भी मेयर या मुख्य पार्षद पद के उम्मीदवार के बराबर ही चुनावी खर्च और प्रचार वाहन उपयोग कर सकते हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, मतदान के दिन अधिकतम दो ही वाहन का उपयोग करने की इजाजत दी जाएगी। आयोग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, पटना नगर निगम सहित राज्य के अन्य नगर निगम जहां वार्ड की आबादी 10 हजार से 20 हजार के बीच है। वहां पार्षद पद के उम्मीदवार 80 हजार रुपये चुनावी खर्च कर सकते हैं। कुल वार्ड संख्या के गुणक की आधी राशि मुख्य पार्षद, उप-मुख्य पार्षद, मेयर अथवा डिप्टी मेयर चुनावी खर्च कर सकते हैं।
चार विधानसभा क्षेत्र के वोटर चुनेंगे मेयर
दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार और पटना साहिब विधानसभा के मतदाता पहली बार मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए वोट डालेंगे। पटना नगर निगम अधिनियम 1952 के तहत मेयर का चुनाव हरेक वर्ष वार्ड पार्षद करते थे। 2002 में हुए चुनाव के बाद तत्कालीन महापौर ने एक साल के कार्यकाल को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट के आदेश पर महापौर का कार्यकाल पार्षदों के समान पांच साल तय किया गया। बिहार त्रिस्तरीय नगरपालिका अधिनियम 2007 में आने के बाद पहली बार मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव वोटर करेंगे। महापौर पर अविश्वास प्रस्ताव को लेकर संशोधन किया गया। प्रथम दो साल और अंतिम एक साल के बीच अविश्वास प्रस्ताव लाने से मनाही की गई। अब महापौर को अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से बदलने का विधान समाप्त हो गया। पार्षदों के वोट से मेयर का चुनाव और पद से हटाने की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।