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बिहार म्यूजियमः यहां चलेगा राज्य के अतीत का पता, प्रदर्शित हो रहे महान हस्तियों से जुड़े प्रसंग Patna News

बिहार म्यूजियम पटना की शान है। यहां गैलरियों के माध्यम से राज्य के अतीत जाना जा सकता है। यहां पेंटिंग्स के जरिए मुगलकालीन तोप से लेकर महात्मा बुद्ध से जुड़े प्रसंग दिख रहे हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Updated: Sat, 01 Feb 2020 07:26 AM (IST)
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बिहार म्यूजियमः यहां चलेगा राज्य के अतीत का पता, प्रदर्शित हो रहे महान हस्तियों से जुड़े प्रसंग Patna News
पटना, जेएनएन। राजधानी की शान बिहार म्यूजियम पिछले चार साल में दर्शकों की मांग के अनुरूप बदलता चला गया। इस दौरान म्यूजियम में कई नई गैलरियां खुलीं। इन गैलरियों के जरिए राजधानीवासियों के साथ ही बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी न सिर्फ पटना बल्कि पूरे बिहार के अतीत को जानने का मौका मिल रहा है। म्यूजियम में लगी पेंटिंग्स में मुगलकालीन तोप से लेकर महात्मा बुद्ध के जीवन से जुड़े प्रसंगों तक को खूबसूरत तरीके से प्रदर्शित किया गया है।

डायस्पोरा गैलरी में महान शख्सियतों से हों रूबरू

बिहार म्यूजियम की डायस्पोरा गैलरी में बिहार की महान हस्तियों के जीवन से जुड़े प्रसंगों को पेंटिंग और अन्य कलाकृतियों के जरिए प्रदर्शित किया गया है। यहां सम्राट अशोक, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, बिस्मिल्लाह खान और गौतम बुद्ध से जुड़ी तस्वीरें और कलाकृतियां लोगों को आकर्षित करती हैं। यहां इन महान हस्तियों से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदर्शित की गयी है। गैलरी के अंदर आते ही अशोक स्तंभ के दर्शन होते हैं। यहां बोधगया के बोधि वृक्ष की एक प्रतिकृति रखी गयी है, जिसे देखने से बिल्कुल असली पेड़ का आभास होता है। इसके आस-पास बैठकर पर्यटक सेल्फी लेते हैं।

इतिहास गैलरी ‘सी’ में सोने और चांदी के सिक्के

म्यूजियम की ‘सी’ गैलरी में मुगल काल के पहले से लेकर ईस्ट इंडिया कंपनी के काल तक के सिक्के प्रदर्शित किए गए हैं। यहां भारतीय मुद्रा के विकास की दास्तान जानने का मौका मिलता है। यहां 1493 से 1519 ईसवी तक चलन में रहे सोने के सिक्के और 1519 से 1554 तक के चांदी के सिक्कों को डिस्प्ले किया गया है। सिक्कों को इस तरह से डिस्प्ले किया गया है कि कोई भी दर्शक अगर गैलरी को देखने आए तो उनकी पहली नजर इन सिक्कों पर ही पड़े।

नालंदा के खंडहर और मुंडेश्वरी मंदिर का करें दर्शन

बिहार म्यूजियम की इतिहास गैलरी ‘बी’ में कैमूर स्थित मुंडेश्वरी मंदिर की शानदार प्रतिकृति बनाई गई है। 600 ऊंची पहाड़ी पर माता मुंडेश्वरी की प्राचीन मंदिर है। इसी मंदिर का प्रतिरूप बिहार म्यूजियम में आने वाले दर्शक देख सकते हैं। मंदिर में माता की आरती से लेकर उनकी पूजा अर्चना तक को थ्री-डी पर्दे पर देखा जा सकता है। इसके साथ मुंडेश्वरी मंदिर की लाइव तस्वीर देख सकते हैं। इसके साथ ही नालंदा के खंडहर का नजारा भी देख सकते हैं। यहां डिस्प्ले में मनेर की दरगाह से लेकर सासाराम के गुंबद तक की तस्वीर से लेकर उसकी आकृति को बनाया गया है।

कुरान और गुरुद्वारा के बारे में भी लें जानकारी

म्यूजियम की गैलरी ‘सी’ में ‘कुरान’ से संबंधित एक सेक्शन ही है। यहां आने वाले लोगों को पता चलता है कि कई सौ साल पहले कुरान को किस तरह से लिखा और प्रकाशित किया गया।

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