NEET And TRE 3 Paper Leak: 90 दिनों में 2 पेपर लीक, दोनों में हजारीबाग और नालंदा का कनेक्शन
पुलिस टीम ने माना है कि शिक्षक भर्ती और नीट पेपर लीक के तार आपस में जुड़े हैं। इसका सबसे बड़ा कारण दोनों ही पेपर लीक में संजीव मुखिया गिरोह की भूमिका मानी जा रही है। शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया का बेटा डा. शिव था। वहीं नीट पेपर लीक मामले में खुद संजीव मुखिया बिहार का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।
कुमार रजत, पटना। NEET UG And TRE 3 Paper Leak बिहार में पिछले तीन महीने में दो पेपर लीक हुए और दोनों ही पेपर-लीक में हजारीबाग और नालंदा का कनेक्शन सामने आया है। पांच मई को हुई नीट (यूजी) और 15 मार्च को आयोजित बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा शिक्षक भर्ती परीक्षा में दोनों जगहों की प्रमुख भूमिका रही। दोनों पेपर लीक में समानताएं भी काफी रहीं।
दोनों ही बार प्रश्न-पत्र परीक्षा से पहले परिवहन के दौरान बाहर निकाले जाने की बात सामने आ रही है। इसके अलावा, दोनों ही बार अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले एक सुरक्षित जगह पर जमा कर प्रश्न-पत्र का प्रिंट निकालकर उत्तर रटवाए गए थे।
दोनों मामलों की जांच कर रही पुलिस टीम ने भी माना है कि शिक्षक भर्ती और नीट पेपर लीक के तार आपस में जुड़े हैं। इसका सबसे बड़ा कारण दोनों ही पेपर लीक में संजीव मुखिया गिरोह की भूमिका मानी जा रही है। शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया का बेटा डा. शिव था। वहीं नीट पेपर लीक मामले में खुद संजीव मुखिया बिहार का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।
शिक्षक भर्ती : नालंदा में लीक हुआ प्रश्न-पत्र, हजारीबाग में रटाए गए उत्तर
पुलिस जांच के अनुसार, तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई-तीन) का प्रश्न-पत्र परीक्षा से तीन दिन पहले ही लीक हो चुका था। प्रश्नपत्रों को ट्र्रांसपोर्ट के माध्यम से पटना से नवादा भेजा जा रहा था, इसी दौरान कुरियर कंपनी के सांठ-गांठ से नालंदा के नगरनौसा के बुद्धा फैमिली रेस्तरां में प्रश्न-पत्र को स्कैन कर लिया गया।
इस दौरान मास्टरमाइंड डा. शिव, उसके पिता संजीव मुखिया और गिरोह के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। इसके बाद दस से 12 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थियों से वसूली कर झारखंड के हजारीबाग समेत अन्य होटल, रिर्जाट व अन्य सुरक्षित जगहों पर उत्तर याद करवाया गया।
हजारीबाग के कोहिनूर होटल से 250 से अधिक की गिरफ्तारी इसी सिलसिले में हुई थी। डा. शिव अपने गिरोह के सदस्यों के साथ उज्जैन से गिरफ्तार हो चुका है। बिहार पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा समेत अन्य परीक्षाओं में भी इस गिरोह के सदस्यों की भूमिका सामने आई है।
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