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Bihar News: नीतीश सरकार के 300 करोड़ का हिसाब नहीं दे रहे 10 इंजीनियर, इस विभाग को मिल गई कड़ी चेतावनी

Patna News बाढ़ की बढ़ती आशंका के बीच राहत-बचाव कार्यों के लिए सरकार को एक बार फिर अतिरिक्त संसाधन की आवश्यकता है। ऐसे में उन इंजीनियरों-अधिकारियों से निपटने की पूरी तैयारी है जो पिछले वर्षों का हिसाब-किताब देने से कतरा रहे। जल संसाधन विभाग के ऐसे 10 इंजीनियर हैं जो सरकार का लगभग 300 करोड़ रुपये वर्षों से दबाए बैठे हैं।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Thu, 11 Jul 2024 08:31 PM (IST)
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बिहार के सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। Patna News: बाढ़ की बढ़ती आशंका के बीच राहत-बचाव कार्यों के लिए सरकार को एक बार फिर अतिरिक्त संसाधन की आवश्यकता है। ऐसे में उन इंजीनियरों-अधिकारियों से निपटने की पूरी तैयारी है, जो पिछले वर्षों का हिसाब-किताब देने से कतरा रहे।

 300 करोड़ रुपये दबाए बैठे हैं बिहार सरकार के 10 इंजीनियर

जल संसाधन विभाग के ऐसे 10 इंजीनियर हैं, जो सरकार का लगभग 300 करोड़ रुपये वर्षों से दबाए बैठे हैं। बाढ़ प्रबंधन कार्यों के उद्देश्य से यह राशि अग्रिम में ली गई है, जिसका रोकड़-बही में मिलान नहीं हो रहा। कई बार के आग्रह के बाद कार्यपालक अभियंता ने उन इंजीनियरों को उपरोक्त राशि अविलंब जमा कराने की चेतावनी दी है।

कनीय अभियंता दबाए बैठे हैंअधिकांश राशि 

उल्लेखनीय है कि जिन इंजीनियरों से हिसाब-किताब की अपेक्षा है, उनमें छह सहायक अभियंता (असिस्टेंट इंजीनियर) और चार कनीय अभियंता (जूनियर इंजीनियर) हैं। उनसे सरकार को 299 करोड़ 49 लाख 53 हजार के रोकड़ का मिलान चाहिए। रोकड़-बही का मिलान नहीं होने पर वह राशि वापस चाहिए। उसमें से अधिकांश राशि कनीय अभियंता दबाए बैठे हैं। उनमें से एक सकलदेव सिंह हैं, जो अकेले लगभग 142 करोड़ का हिसाब दबाए बैठे हैं।

पुनपुन नदी के परिक्षेत्र में बाढ़ से राहत-बचाव कार्यों के लिए यह राशि पिछले वर्षों में निर्गत हुई थी। अभियंताओं ने इसकी अग्रिम निकासी की थी। वे तत्कालीन पुनपुन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल, करबिगहिया (पटना) एवं वर्तमान में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण प्रमंडल, एकंगरसराय (नालंदा) में पदस्थापित थे।

अभियंताओं ने अब तक रोकड़-बही का मिलान नहीं कराया

नियमानुसार उन्हें कार्य से संबंधित रोकड़-बही का मिलान करते हुए शेष राशि संबंधित कोषागार, बैंक खाता या कार्यालय में जमा करा देनी चाहिए। खेदजनक यह कि उन अभियंताओं ने अब तक रोकड़-बही का मिलान नहीं कराया। ऐसे में राशि के दुरुपयोग की आशंका है।

बहरहाल कार्यपालक अभियंता ने लिखित रूप से उन दसों अभियंताओं को आदेश दिया गया है कि वे उपरोक्त राशि यथाशीघ्र प्रमंडल कार्यालय में जमा करा दें। यह अस्थायी अग्रिम वर्षों से कार्य रोकड़-बही में लंबित है, जिसका समायोजन अभी तक नहीं हो पाया है। अविलंब समायोजन नहीं होने पर अग्रेतर कार्रवाई तय है।

सहायक अभियंता (नोट : राशि लाख रुपये में)

रविंद्र कुमार : 911.23

रामसेवक मउआर : 793.96

लालबाबू राय : 1236.43

सुरेंद्र प्रसाद यादव : 172.67

बीबी कुमार : 2500

धरनीधर सिंह : 262

कनीय अभियंता

मुक्तेश्वर नाथ उपाध्याय : 1664.40

कमाल अहमद : 4892.50

सकलदेव सिंह : 14165.50

एके प्रसाद : 3350.84

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