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Bihar News: एड्स की 21 और हीमोफीलिया की 4 दवाएं ईडीएल में शामिल, मरीजों को मुफ्त मिलेंगी 637 मेडिसिन

Bihar News स्वास्थ्य विभाग ने जीवन रक्षक दवाओं की सूची में विस्तार किया है। एड्स पीड़ितों को दी जाने वाली 21 प्रकार की नई दवाओं को अब जीवन रक्षक दवाओं की सूची में शामिल किया गया है। राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा गठित कमेटी ने इसकी स्वीकृति दी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार जीवनरक्षक दवाओं की सूची विस्तार के बाद अब ऐसे दवाओं की संख्या बढ़कर 637 हो गई है।

By Sunil RajEdited By: Mohit TripathiUpdated: Sat, 02 Dec 2023 10:40 PM (IST)
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मरीजों को मुफ्त मिलेंगी 637 दवाएं। (सांकेतिक फोटो)
राज्य ब्यूरो, पटना। स्वास्थ्य विभाग ने जीवन रक्षक दवाओं (ईडीएल) की सूची में विस्तार किया है। एड्स पीड़ितों को दी जाने वाली 21 प्रकार की नई दवाओं को अब जीवन रक्षक दवाओं की सूची में शामिल किया गया है। इसके अलावा हीमोफीलिया मरीजों की चार दवाओं को भी सूची में जगह मिली है।

इनमें फैक्टर सात, फैक्टर आठ और फैक्टर नौ के अलावा, डेस्मोक्रेसिन की दवा शामिल है। स्वास्थ्य विभाग ने विश्व एड्स दिवस पर यह फैसला लिया गया है। राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा गठित कमेटी ने इसकी स्वीकृति दी है।

637 हुई जीवन रक्षक दवाओं की संख्या

विभागीय सूत्रों के अनुसार, जीवनरक्षक दवाओं की सूची विस्तार के बाद अब ऐसे दवाओं की संख्या बढ़कर 637 हो गई है। इन दवाओं को विभिन्न स्तर के अस्पतालों में इलाज के लिए आनेवाले मरीजों को मुफ्त में दिया जाएगा।राज्य के मरीजों को इलाज पर होनेवाले बोझ कम कराने के लिए जनवरी में ही 612 दवाओं की नयी सूची तैयार की गई थी।

हर स्तर के अस्पताल लिए दवाओं की अलग सूची 

ग्रामीण इलाकों के मरीजों के लिए भी मुफ्त में मधुमेह, रक्तचाप, मिर्गी और दमा की दवाएं देने की व्यवस्था की गई है। विभाग द्वारा जारी सूची में हर स्तर के अस्पताल के लिए ओपीडी के मरीजों के लिए अलग दवाओं की सूची जारी की गयी है, जबकि भर्ती मरीजों के लिए दवाओं की अलग सूची तैयार की गयी है।

विभाग द्वारा बिहार राज्य मानसिक स्वास्थ्य एवं सहबद्ध विज्ञान संस्थान (बीआईएमएचएएस) कोईलवर में मुफ्त मानसिक रोगियों को 144 प्रकार की दवाएं शामिल हैं।

ओपीडी के लिए दवाओं की सूची जारी

नई सूची में मेडिकल कालेज अस्पतालों के ओपीडी में 356 तो भर्ती मरीजों के लिए 256 प्रकार की दवाएं शामिल की गई हैं। जिला अस्पतालों के ओपीडी में 287 प्रकार की दवाओं तो भर्ती मरीजों के लिए 169 प्रकार की दवाएं शामिल की गई हैं।

अनुमंडलीय अस्पतालों के ओपीडी में 212 प्रकार की तो भर्ती मरीजों को 101 प्रकार की दवाएं शामिल की गई हैं। इसी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के ओपीडी में भी 212 प्रकार की, जबकि भर्ती मरीजों को 97 प्रकार की दवाएं सूची में शामिल हैं।

रेफरल अस्पतालों के ओपीडी में 203 प्रकार की और भर्ती मरीजों के लिए 98 प्रकार की दवाएं सूची में हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के ओपीडी में 201 और भर्ती मरीजों को 93 प्रकार की दवाओं की जीवन रक्षक दवाओं में शामिल किया गया है।

एपीएचसी के ओपीडी में 140 प्रकार की जबकि भर्ती मरीजों को 53 प्रकार की दवाएं हैं। शहरी पीएचसी के ओपीडी में 180 प्रकार की, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 151 प्रकार की, टेलीमेडिसिन सेंटर पर 97 प्रकार की और स्वास्थ्य उपकेंद्र पर 32 प्रकार की दवाएं ओपीडी में शामिल की गई हैं।

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