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Bihar News: हांफ रही नीतीश सरकार...केंद्र से नहीं मिली समग्र शिक्षा की पूरी राशि, इंफ्रास्ट्रक्चर का कार्य बाधित

Bihar News राज्य में शिक्षा व्यवस्था में बड़े सुधार लाने की जतन में जुटी नीतीश सरकार वित्तीय मोर्चे पर हांफ रही है। धन मुहैया कराने के मामले में केंद्र सरकार ने बेरुखी अख्तियार कर रखी है। समग्र शिक्षा अभियान में स्वीकृत राशि देने के प्रश्न पर केंद्र और राज्य सरकार के बीच पत्राचार की जंग छिड़ी हुई है। लेकिन मामला सुलझता दिख नहीं रहा है।

By Dina Nath SahaniEdited By: Sanjeev KumarUpdated: Sun, 03 Dec 2023 08:44 AM (IST)
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हांफ रही नीतीश सरकार, केंद्र से नहीं मिल रही मदद (जागरण)
दीनानाथ साहनी, पटना।  राज्य में शिक्षा व्यवस्था में बड़े सुधार लाने की जतन में जुटी नीतीश सरकार वित्तीय मोर्चे पर हांफ रही है। धन मुहैया कराने के मामले में केंद्र सरकार ने बेरुखी अख्तियार कर रखी है। समग्र शिक्षा अभियान में स्वीकृत राशि देने के प्रश्न पर केंद्र और राज्य सरकार के बीच पत्राचार की जंग छिड़ी हुई है।

चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकार ने समग्र शिक्षा में बिहार के लिए 8796 करोड़ 52 लाख रुपये की स्वीकृति दे रखी है, लेकिन इसके विरुद्ध 787 करोड़ रुपये ही मिला है। इसमें राज्यांश 524 करोड़ 73 लाख रुपये को मिलाकर शिक्षकों के वेतनादि पर खर्च हो चुके हैं।

असली संकट सरकारी विद्यालयों में आधारभूत संरचना का निर्माण कार्य ठप होना है जिसके लिए केंद्र सरकार ने अब तक कोई राशि नहीं दी है।

साढ़े पांच लाख शिक्षकों को वेतन भुगतान के लिए आकस्मिक निधि सहारा

इस साल सेंट्रल प्रोजेक्ट एप्रुवल बोर्ड ने समग्र शिक्षा अभियान में प्रदेश को कुल 12,211.62 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे रखी है। इसमें राज्यांश 3415 करोड़ 10 लाख रुपये शामिल है। शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि केंद्रांश राशि नहीं मिलने से विद्यालयों के लिए नये भवनों का निर्माण एवं पुराने भवनों की मरम्मत समेत अन्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना संबंधी विकास कार्य प्रभावित हो रहा है।

4.27 लाख शिक्षकों के लिए आकस्मिक निधि का इंतजाम

अभी तक चार लाख सताइस हजार शिक्षकों को वेतन भुगतान के लिए राज्य सरकार ने आकस्मिक निधि के तहत पैसे का इंतजाम किया है, लेकिन यह कब तक चलेगा, कहना मुश्किल है। ऊपर से बिहार लोक सेवा आयोग से नवंबर में नियुक्त किए गए एक लाख दस हजार शिक्षकों को वेतन भुगतान भी किया जाना है। जाहिर, शिक्षकों को वेतन भुगतान का संकट गहराने की संभावना है।

बहरहाल, सरकार राज्य योजना मद से निधि का इंतजाम करने में जुटी है। शिक्षकों को प्रशिक्षण मद में भी नहीं कराई गई राशि उपलब्ध : राज्य सरकार केंद्रांश की राशि को लेकर केंद्र सरकार के साथ पत्राचार तो कर रही है, लेकिन उसका कोई खास रिस्पांस नहीं मिल रहा। इसके चलते सरकारी विद्यालयों में इफ्रांस्ट्रक्चर का कार्य ठप है।

शिक्षण कार्य में गुणात्मक सुधार के लिए केंद्र सरकार द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाने के लिए भी राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। यह राशि समग्र शिक्षा अभियान से ही जुड़ी है। इसके लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्य प्रभावित है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि समग्र शिक्षा अभियान में केंद्रांश 60 प्रतिशत तथा राज्यांश 40 प्रतिशत तय है। फिर भी केंद्र सरकार हर साल तय राशि को भी घटाती जा रही है।

माध्यमिक शिक्षकों के वेतन में भी नहीं मिला पैसा 

चालू वित्त वर्ष में केंद्र सरकार ने माध्यमिक शिक्षा में 664.42 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दे रखी है, लेकिन अब तक महज 87.31 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया गया है। जबकि नवंबर,2023 तक राज्य सरकार माध्यमिक शिक्षा में विकास कार्यों पर 145.51 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।

पिछले साल केंद्र सरकार से मध्यामिक शिक्षा में स्वीकृत राशि 1105 करोड़ रुपये में 35 प्रतिशत राशि की कटौती कर दी गई थी। इसका असर माध्यमिक विद्यालयों के भवनों के निर्माण एवं मरम्मत पर पड़ा है।

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