Bihar EOU News साइबर अपराधी क्रिप्टो करेंसी (डिजिटल मुद्रा) के जरिए इंटरनेट मीडिया पर लोगों को ब्लैकमेल कर फिरौती मांग रहे हैं। इसके अलावा गांजा चरस की तस्करी में भी क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल हो रहा है। डार्क नेट के जरिए मादक द्रव्यों की खरीदारी की जा रही है। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के विश्लेषण में यह बातें सामने आई है।
By Edited By: Prateek JainUpdated: Tue, 17 Oct 2023 11:19 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना। साइबर अपराधी क्रिप्टो करेंसी (डिजिटल मुद्रा) के जरिए इंटरनेट मीडिया पर लोगों को ब्लैकमेल कर फिरौती मांग रहे हैं। इसके अलावा गांजा, चरस की तस्करी में भी क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल हो रहा है। डार्क नेट के जरिए मादक द्रव्यों की खरीदारी की जा रही है।
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के विश्लेषण में यह बातें सामने आई है। इससे निबटने के लिए ईओयू मुख्यालय के लैब में क्रिप्टो करेंसी यूनिट स्थापित की जाएगी।
इसके अलावा डार्क नेट लैब भी स्थापित की जाएगी। इससे क्रिप्टो करेंसी से जुड़े लेन-देने पर तकनीकी टीम नजर तो रखेगी ही साक्ष्य संकलन में भी मदद मिलेगी।
ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने मंगलवार को बताया क्रिप्टो करेंसी यूनिट और डार्क नेट लैब के लिए जल्द ही अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद की जाएगी। इसके अलावा साइबर अपराध की रोकथाम के लिए ड्रोन, सेटेलाइट फोन की खरीद की जा रही है।
अब जिलों में ही हो सकेगी तकनीकी जांच
डीआईजी ढिल्लों ने बताया कि राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में साइबर लैब स्थापित किया जाएगा। प्रथम चरण में प्रत्येक पुलिस रेंज में क्षेत्रीय स्तर पर साइबर लैब स्थापित करने की तैयारी चल रही है।
ईओयू ने प्रथम चरण में ईओयू ने इससे जुड़ा प्रस्ताव तैयार कर गृह विभाग को भेजा है। इससे जिलों में ही साइबर अपराध से जुड़े कांडों के तकनीकी अनुसंधान एवं विश्लेषण में आसानी होगी।
वर्तमान में पटना में साइबर कांडों से जुड़ी जांच के लिए राज्यस्तरीय प्रयोगशाला है। इसमें जिलों से भेजे गए 94 मामलों की तकनीकी जांच में मदद की गई है।
केंद्र प्रायोजित निर्भया फंड के तहत इस लैब के लिए छह हार्डवेयर एवं 12 सॉफ्टवेयर खरीदे गए हैं। इस फोरेंसिंक लैब की मदद से अब तक 92 मोबाइल, हार्ड डिस्क, लैपटाप, डीवीआर आदि का डाटा निकाल कर विभिन्न कांडों के अनुसंधान में सहयोग किया गया है।
44 लाख से सुदृढ़ होगा कॉल सेंटर
साइबर अपराध पोर्टल के हेल्पलाइन नंबर 1930 के कॉल सेंटर को भी सुदृढ़ किया जाएगा। इसके लिए 44 लाख रुपये की लागत से 30 डेस्कटॉप कंप्यूटर सेट, सर्वर एवं क्लाउड टेलिफोनिक सिस्टम आदि की खरीद की जा रही है।
डीआईजी ने बताया कि साइबर से संबंधित मामंलों में सहयोग के लिए आईआईटी पटना और सी-डैक पटना सहित कई संस्थाओं के साथ एमओयू किया गया है। प्रेस वार्ता के दौरान ईओयू के एसपी सुशील कुमार भी मौजूद रहे।
साइबर अपराधियों को न सिर्फ पकड़ने, बल्कि उनके विरुद्ध चार्जशीट करने और साक्ष्य संकलन कर कोर्ट में सजा दिलाने के लिए ईओयू को तकनीकी रूप से और मजबूत किया जा रहा है। इसके लिए मुख्यालय में क्रिप्टो करेंसी यूनिट और डार्क नेट लैब बनाई जाएगी। हर जिले में साइबर लैब भी शुरू की जाएगी।
- मानवजीत सिंह ढिल्लों, डीआईजी, ईओयू
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