बिहारः नवरात्र पर भक्तों ने खाया दस करोड़ का सेब, जानें फल, कपड़ा, दोपहिया और कार बाजार का हाल
फल कपड़ा वाहन बाजार के साथ पूजन सामग्रियों का भी अच्छा कारोबार हुआ है। हर बाजार के कारोबार को उम्मीद से बेहतर बताया जा रहा है। कपड़ा वाहन और फल बाजार में 203 करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान है।
By Akshay PandeyEdited By: Updated: Thu, 14 Oct 2021 03:35 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पटना: दुर्गापूजा कारोबार की दृष्टि से भी अच्छा रहा। फल, कपड़ा, वाहन बाजार के साथ पूजन सामग्रियों का भी अच्छा कारोबार हुआ है। हर बाजार के कारोबार को उम्मीद से बेहतर बताया जा रहा है। कपड़ा, वाहन और फल बाजार में 203 करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान है। फल मंडी में सेब की सबसे ज्यादा बिक्री हुई है। आठ दिनों के अंदर 10 करोड़ रुपये का सेब बिका है।
- सेक्टर-कारोबार (रुपये में)
- -फल -60 करोड़
- -दोपहिया-25 करोड़
- -कपड़ा -50 करोड़
- -कार -68 करोड़
फल मंडीः थोक फल मंडी बाजार समिति में दुर्गापूजा का कारोबार एक सप्ताह तक चलता है। जिलों के विक्रेता तीन से चार दिन उठाव करते हैं। इसके साथ स्थानीय पूजा समितियां और खुदरा विक्रेता खरीदारी करते हैं। मंडी के थोक व्यापारी राकेश कुमार ने कहा औसतन आठ करोड़ रुपये का कारोबार हर दिन हुआ है। अष्टमी को 20 फीसद से बिक्री बढ़ गई थी। अनुमान है कि 60 करोड़ रुपये का कुल कारोबार हुआ है। इसमें सर्वाधिक दस करोड़ रुपये का सेब बिका है।
कपड़ा बाजार : कपड़ा बाजार में दस दिनों में 50 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार का अनुमान है। बाजार के जानकार विष्णु जालान ने कहा कि ब'चों के कपड़ों की सर्वाधिक बिक्री हुई है। दोपहिया की भी बिक्री रही रफ्तार में : दोपहिया की बिक्री भी दुर्गापूजा पर रफ्तार में रही। बाजार के जानकार अमरजीत सिंह ने कहा कि दुर्गापूजा पर 25000 दोपहिया बिकने का अनुमान है। इसकी कीमत लगभग 25 करोड़ रुपये होती है।
चारपहिया सेगमेंट दबाव में : चारपहिया बाजार में करीब 850 गाड़ियों की बिक्री होने की उम्मीद है। इसकी अनुमानित कीमत 68 करोड़ रुपये होती है। बाजार के जानकार और अलंकार आटो सेल्स के सीईओ अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि दुर्गापूजा पर मेरे यहां से 280 गाड़ियों की बिक्री हुई है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने के बाद ग्राहक दबाव में हैं। सीएनजी गाड़ियों की मांग जबरदस्त है लेकिन इसकी सप्लाई नहीं है, दूसरी ओर पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने से ग्राहकों पर प्रतिकूल असर देखने को मिल रहा है। आशंका है कि इस साल का फेस्टिवल सीजन अन्य सालों की तुलना में कुछ फीका रह सकता है।
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