Bihar news: अयोध्या में विराजेंगे रामलला, उसी दिन छोटी अयोध्या में शुरू होगा रामर्चा महायज्ञ
अयोध्या में बने भव्य मंदिर में जिस दिन रामलला विराजेंगे उसी दिन बिहार के भागलपुर की छोटी अयोध्या के नाम से मशहूर इलाके में रामर्चा महायज्ञ शुरू हो जाएगा। इस महायज्ञ का प्रसाद उन आठों देशों में भिजवाया जाएगा जहां-जहां इस इलाके के लोग रहते हैं। आयोजन को सफल बनाने में आधा दर्जन गांवों के लोग जुट गए हैं। आयोजन गांव स्थित स्कूल के मैदान में होगा।
मिहिर, भागलपुर। अयोध्या में बने भव्य मंदिर में जिस दिन रामलला विराजेंगे, उसी दिन बिहार के भागलपुर की छोटी अयोध्या के नाम से मशहूर इलाके में रामर्चा महायज्ञ शुरू हो जाएगा। इस महायज्ञ का प्रसाद उन आठों देशों में भिजवाया जाएगा जहां-जहां इस इलाके के लोग रहते हैं। आयोजन को सफल बनाने में आधा दर्जन गांवों के लोग जुट गए हैं। आयोजन गांव स्थित स्कूल के मैदान में होगा।
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पूजन कार्यक्रम पांच अगस्त 2020 को हुआ था। भूमिपूजन के दौरान रामर्चा महायज्ञ भी किया गया था। मान्यता है कि इस महायज्ञ के आयोजन से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। लोग भगवतधाम को प्राप्त करते हैं। महायज्ञ में राजा दशरथ, रानी कौशल्या के साथ-साथ श्रीराम के चारों अवतारों की खास तौर पर पूजा की जाती है।
20 हवन कुंडों में होगा महायज्ञ
ग्रामीण अनिल कुमार राय उर्फ पागो बाबा, सजन दा और मणि भूषण राय कहते हैं कि महायज्ञ की तैयारी आरंभ कर दी गई है। निमंत्रण के लिए घर-घर तुलसी पत्ता भिजवाया जा रहा है। इस महायज्ञ को पुजारी पुतुल बाबा अपने 12 शिष्यों के साथ करेंगे। इसके लिए 20 हवन कुंड बनाए जा रहे हैं।
क्यों मकंदपुर बन गया छोटी अयोध्या
पागो बाबा कहते हैं कि 100 साल से छोटी अयोध्या में रामधुन, रामलीला एवं राम सीता विवाह की प्रथा चली आ रही है। यहां रोजाना गांव के किसी न किसी घर में रामधुन होता है। साल में चार बार रामलीला का मंचन स्थानीय कलाकार करते हैं। राम सीता विवाह का आयोजन साल में एक बार होता है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां मिट्टी में राम बसते हैं। यही वजह है कि यहां के प्रत्येक घर में रोजाना रामायण पाठ होता है।
इसी वजह से कई गांवों को मिलाकर इस इलाके को छोटी अयोध्या कहा जाता है। सजन दा और मणि भूषण राय ने बताया कि 22 जनवरी को गांव में महायज्ञ होगा। इस दिन प्रत्येक घर के सदस्य चाहे बेटा हो या बेटी गांव आएंगे। भव्य मेला आयोजित होगा। महायज्ञ का प्रसाद इंग्लैंड, कनाडा, अमेरिका, सउदी अरब, आस्ट्रेलिया सहित आठ देशों में भेजा जाएगा।