पटना में खुलेगा इसरो का केंद्र, बिहार के बच्चे अब बनाएंगे सेटेलाइट; अंतरिक्ष से जुड़े शोध को मिलेगा बढ़ावा
पटना में खुलेगा इसरो का केंद्र अंतरिक्ष से जुड़े शोध को मिलेगा बढ़ावा बीटेक व एमटेक के छात्रों के साथ होगा शोध एनआइटी के कोर्स में शामिल होगा अंतरिक्ष विज्ञान स्वचालित वाहन सेटेलाइट ट्रैकिंग नैनो सेटेलाइट जीपीएस अर्थ मानीटरिंग सिक्स-जी सेटेलाइट पर होगा शोध
By Shubh Narayan PathakEdited By: Updated: Tue, 23 Nov 2021 07:38 AM (IST)
पटना, नलिनी रंजन। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना (एनआइटी) में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), बेंगलुरु की साइंटिफिक ब्रांच खुलेगी। इसके लिए 24 नवंबर को इसरो व एनआइटी पटना के बीच क्षेत्रीय शैक्षणिक केंद्र (आरएसी-एस) सह साइंटिफिक सेंटर की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके स्थापित होने पर यहां के बीटेक व एमटेक के छात्रों को अंतरिक्ष से संबंधित शोध के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए जल्द ही एनआइटी के कोर्स में अंतरिक्ष विज्ञान को भी सम्मलित किया जाएगा। एमओयू पर हस्ताक्षर होने के बाद एनआइटी पटना कैंपस में इसरो की ओर से अपना सेटअप स्थापित किया जाएगा।
एनआइटी पटना आरएसी-एस अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों से संबंधित क्षमता निर्माण, जागरूकता निर्माण और अनुसंधान और विकास गतिविधियों में भाग लेने के लिए क्षेत्र के संस्थानों को भी सुविधा प्रदान करेगा। एनआइटी के निदेशक प्रो. पीके जैन ने बताया कि इसरो की ओर से कम्युनिकेशन सह अंतरिक्ष सेंटर को लेकर एमओयू किया जा रहा है। हर वर्ष दो करोड़ रुपये रिसर्च पर होंगे खर्च
प्रो. जैन ने बताया कि कम्युनिकेशन एवं स्पेस (अंतरिक्ष) को लेकर होने वाले शोध पर हर वर्ष दो करोड़ इसरो की ओर से दिए जाएंगे। इस साइंटिफिक सेंटर से रिसर्च ग्रांट के लिए बिहार, झारखंड, उड़ीसा, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के बीटेक, एमटेक एवं सीएसआइआर नेट, जेआरएफ शोध छात्र अपने मूल संस्थान के अपने प्रोजेक्ट की अनुशंसा कराएंगे। इसके बाद एनआइटी व इसरो की टीम इस प्रोजेक्ट की महत्ता एवं भविष्य की संभावनाओं को लेकर जांच करेंगे। व्यवहार्यता पाए जाने पर इसके बाद उसे ग्रांट दिया जाएगा। शोध के बाद उसकी रिपोर्ट के प्रकाशन से लेकर पेटेंट तक की व्यवस्था यह केंद्र कराएगा।
एनआइटी की ओर से इस केंद्र के लिए इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के सहायक प्राध्यापक डा. मनपूरण महतो को समन्वयक बनाया गया है। निदेशक ने बताया कि इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रानिक्स, मैकेनिकल, कंप्यूटर साइंस के बीटेक व एमटेक एवं पीएचडी छात्रों को अंतरिक्ष के क्षेत्र में शोध के लिए बेहतर प्रोजेक्ट के आधार पर ग्रांट स्वीकृत करेगा।
थीम आधारित स्पेस रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा
साइंटिफिक सेंटर के इसरो के स्पेस आधारित रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए हर वर्ष इसरो की ओर से थीम भी एनआइटी को भेजा जाएगा। इसमें स्वचालित वाहन, सेटेलाइट ट्रैकिंग, नैनो सेटेलाइट, जीपीएस, अर्थ मानिटरिंग, कम्युनिकेशन सिस्टम, सिक्स-जी सेटेलाइट आधारित इंटरनेट सुविधा को लेकर भी रिसर्च किए जाएंगे।
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