Bihar: सीएम नीतीश के खिलाफ मांझी का मौन धरना आज, अपने समर्थकों के साथ पहुंचेंगे पटना के अंबेडकर स्मारक
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आज सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ मौन धरने पर बैठने वाले हैं। उन्होंने सोमवार को इसका एलान किया था। नीतीश कुमार ने बीते दिनों विधानसभा में मांझी के साथ तू-तड़ाक से बात की थी और यहां तक कह दिया था कि मांझी को सीएम बनाने उनकी सबसे बड़ी मूर्खता थी। मांझी ने कहा कि उनके साथ जो हुआ उससे दलित समाज शर्मसार है।
डिजिटल डेस्क, पटना। सीएम नीतीश कुमार के बीच विवाद गहराता जा रहा है। नीतीश कुमार ने बीते दिनों विधानसभा में मांझी के साथ तू-तड़ाक से बात की थी और यहां तक कह दिया था कि मांझी को सीएम बनाने उनकी सबसे बड़ी मूर्खता थी। वहीं अब इसके विरोध में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ मौन धरने पर बैठने वाले हैं। उन्होंने एलान किया था कि वे 14 नवंबर को मौन धरना देंगे।
सुबह साढ़े 11 बजे पहुंचेंगे मांझी
जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मेरे अपमान के सहारे पूरे दलित समाज को जलील करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कल 14 नवंबर को सुबह 11.30 बजे पटना उच्च न्यायलय के निकट अंबेडकर स्मारक पर एक मौन प्रदर्शन का आयोजन किया गया है, जिसमें सभी संगठनों के साथ-साथ मैं भी उपलब्ध रहूंगा। जय बिहार।
मांझी ने पीएम मोदी का जताया आभार
मांझी ने ये भी कहा कि उनके साथ जो हुआ उससे दलित समाज शर्मसार है। दलितों के साथ-साथ महिलाओं को भी नीतीश कुमार ने छोड़ा नहीं है। इसी मुद्दे को प्रधानमंत्री ने भी अपने भाषणों में उठाया है। हम प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करते हैं कि आप हमेशा से ही हमारे साथ खड़े रहे हैं। जब नीतीश कुमार ने हमारे जैसे आदमी को प्रताड़ित करने का काम किया तो आपने इस मुद्दे पर हमारा साथ दिया।
नीतीश कुमार ने मांझी से क्या कहा था?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 9 नवंबर को विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी पर नाराज हो गए। आरक्षण संशोधन विधेयक के दौरान मांझी आरक्षण की समीक्षा को लेकर राज्य सरकार के कार्यकलाप पर टिप्पणी कर रहे थे। जिसके बाद मुख्यमंत्री का गुस्सा फूट पड़ा। मुख्यमंत्री ने कह दिया इन्हें कोई सेंस नहीं। कुछ भी बोलता रहता है।
कही थी ये बात
उन्होंने भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि मैंने जब आप लोगों को छोड़ दिया 2013 में अकेले थे हम। तब हम इसको मुख्यमंत्री बना दिए। यह मेरी मूर्खता थी। कहता है ये भी मुख्यमंत्री था। क्या मुख्यमंत्री था? ये तो मेरी मूर्खता की वजह से मुख्यमंत्री बना। दो महीने बाद ही मेरी पार्टी के लोग कहने लगे गड़बड़ है। इसको हटाइये। इसके बाद इसको हटाकर हम फिर मुख्यमंत्री बने।