Bihar News: आरक्षण की पुरानी व्यवस्था पर होगा नगर निकाय चुनाव, राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किया आदेश
बिहार में 248 नगर निकायों में आरक्षण की पुरानी व्यवस्था के तहत ही चुनाव होगा। सरकार ने ऐसा निर्णय लिया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसको लेकर पत्र जारी कर दिया है।अनुसूचित जाति व जनजाति पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के लिए आरक्षण की स्थिति तय कर दी गई है।
By Rahul KumarEdited By: Updated: Fri, 19 Aug 2022 10:34 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के 248 नगर निकायों में आरक्षण की पुरानी व्यवस्था के तहत चुनाव होगा। सरकार ने ऐसा निर्णय लिया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त व सभी जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन अधिकारी (नगरपालिका) को इस संबंध में शुक्रवार को पत्र जारी कर दिया। इनमें से 172 नवगठित, उत्क्रमित या क्षेत्र विस्तारित नगर निकाय हैं, जबकि 10 यथास्थिति वाले नगर निकाय हैं। यथास्थिति वाले नगर निकायों में नगर निगम मुंगेर, कटिहार, पूर्णिया, बेगूसराय के अलावा नगर परिषद हिलसा, अरवल, बेनीपुर, एकमा बाजार, परसा बाजार के साथ के साथ नगर पंचायत मोहनिया शामिल है। पूर्व में गठित नगर निकायों में कुल 62 पार्षदों के आरक्षण में बिहार नगरपालिका अधिनियम-12 (दो क्रमिक निर्वाचन) के अनुसार कोई बदलाव नहीं किया गया है।
आयोग ने आयुक्तों व जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के क्रम में नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा राज्य सरकार का निर्णय उपलब्ध कराया गया है। इसके आलोक में विभिन्न कोटि के लिए आरक्षण का निर्धारण बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 (यथा संशोधित) एवं बिहार नगरपालिका निर्वाचन नियमावली 2007 (यथा संशोधित) के अनुसार किया जाना है। पत्र में कहा गया है कि नगरपालिका अधिनियम की धारा 12(2) के अनुसार हर नगरपालिका में सदस्यों के कुल स्थानों का 50 प्रतिशत के निकट, किंतु इससे अधिक स्थान के लिए आरक्षण किया जाना है। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण का प्रविधान किया गया है।
आरक्षण की वस्तुस्थिति
अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित स्थानों का अनुपात उस नगर निकायों में प्रत्यक्ष निर्वाचनों द्वारा भरे जाने वाले स्थानों की कुल संख्या से यथासंभव निकटतम उसी अनुपात में होगा, जो उस नगर निकाय क्षेत्र में एससी-एसटी जातियों की जनसंख्या होगी। एससी-एसटी के लिए स्थानों के आरक्षण के बाद शेष स्थानों में पिछड़े वर्गों (एनेक्सचर-1) के लिए आरक्षित किए जाने वाले स्थानों की संख्या कुल स्थानों के 20 प्रतिशत के निकटतम होगी, लेकिन उससे अधिक नहीं होगी। इस प्रकार से सभी प्रकार के आरक्षण का प्रविधान 50 प्रतिशत के अंदर होगा। अगर किसी कोटि में मात्र एक ही पद उपलब्ध है तो वह महिला के लिए आरक्षित नहीं किया जाएगा। जिला दंडाधिकारी द्वारा आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों की सूची का प्रकाशन किया जाएगा।
चार चरणों में होगा परिसीमन राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से राज्य की नगरपालिकाओं के वार्डों के गठन का कार्य पांच चरणों में कराया गया है। साथ ही इन नगर निकायों की मतदाता सूची भी नए सिरे से बनाई गई है। चार चरणों में परिसीमन का काम पूरा होगा। आयोग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि सभी नगर निकायों के मतदान के लिए बूथों के गठन का कार्य भी पूर्ण कर लिया जाए। पहले चरण में 144 नगर निकायों का, दूसरे चरण में 80 नगर निकायों का, तीसरे चरण में छह नगर निकायों का, चौथे चरण में नौ नगर निकायों का और पांचवें चरण में पांच नगर निकायों के वार्डों का परिसीमन, मतदाता सूची की तैयारी और बूथों के गठन की तैयारी कराने का निर्देश है।
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