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अब डेढ़ घंटे में पूरी होगी पटना से पूर्णिया की दूरी, बनेगा 215 किमी लंबा एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस वे

पटना से पूर्णिया की दूरी डेढ़ घंटे में पूरी हो सकेगी। एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जा रहा है।एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस वे यानी ऐसी सड़क जिसपर कहीं से भी नहीं चढ़ा जा सकता। बीच में बामुश्किल एक -दो जगहों पर ही ट्रैफिक के प्रवेश की अनुमति रहती है।

By Rahul KumarEdited By: Updated: Sun, 17 Jul 2022 11:20 AM (IST)
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पटना से पूर्णिया तक बनेगा एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस वे। सांकेतिक तस्वीर

भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना : पटना से पूर्णिया के बीच का सफर सड़क मार्ग से मात्र डेढ़ घंटे में बिना किसी विघ्न के पूरा हो जाए तो यह निश्चित रूप से हैरान करने वाली बात होगी। राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकार (एनएचएआइ) ने पटना से पूर्णिया के बीच पूरी तरह से ग्रीन फील्ड 215 किमी के एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस वे के डीपीआर पर काम आरंभ कराया है। बिहार का यह अपने किस्म का पहला एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस वे होगा जो राज्य के भीतर बनाया जाना है। यह प्रोजेक्ट भारतमाला फेज-2 के तहत है। एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस वे वह सड़क होती है, जिस पर बीच में बामुश्किल एक -दो जगहों पर ही ट्रैफिक के प्रवेश की अनुमति रहती है। 

इस तरह है एलायनमेंट 

पटना से पूर्णिया के बीच बनने वाला यह एक्सप्रेस वे पटना में कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल से आरंभ होगा। बिदुपर से यह बेगूसराय की ओर बढ़ेगा। पूर्णिया की ओर आगे बढ़ने के क्रम में यह नवगछिया के रास्ते भागलपुर से भी जुड़ जाएगा। सिमरी बख्तियारपुर में कोसी नदी पर एक पुल भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा है।

  • सिर्फ डेढ़ घंटे में पूरी हो जाएगी पटना से पूर्णिया की सड़क मार्ग से यात्रा 
  • एनएचएआइ से डीपीआर की अनुमति के बाद एलायनमेंट पर काम शुरू
  • पूरी तरह से ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे का आरंभ कच्ची दरगाह-बिदपुर पुल से
  • नवगछिया से भागलपुर को भी कनेक्टिवटी मिलेगी
  • राज्य के भीतर बनने वाला यह पहला एक्सप्रेस वे होगा

ऐसा होगा एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस वे 

एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेस वे यानी ऐसी सड़क, जिसपर कहीं से भी नहीं चढ़ा जा सकता। बीच में बामुश्किल एक -दो जगहों पर ही ट्रैफिक के प्रवेश की अनुमति रहती है

12 हजार करोड़ रुपए से अधिक का होगा पूरा प्रोजेक्ट  

अनुसार आरंभिक आकलन यह है कि यह प्रोजेक्ट 12 हजार करोड़ के बीच का होगा। ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट होने के कारण जमीन के मद में कम से 5000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। निर्माण मद में भी 5000 करोड़ लगेंगे और कोसी पर पुल 1500 करोड़ रुपए का होगा।