खेती की जमीन पर शुरू करना है उद्योग? बिहार सरकार से ऐसे मिलेगी परमिशन, इस वेबसाइट पर करना होगा आवेदन
खेती की जमीन के उद्योग में उपयोग के लिए परमिशन ऑनलाइन मिलेगी। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने इसके लिए वेबसाइट का लोकार्पण कर दिया है। उन्होंने बताया कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद लैंड कन्वर्जन प्रमाण पत्र को ऑनलाइन डाउनलोड भी कर सकता है। मेहता ने कहा कि राज्य में औद्योगीकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Land Conversion Portal खेती की जमीन के उद्योग अथवा अन्य व्यवसाय में उपयोग के लिए अनुमति की प्रक्रिया आसान हो गई है। अब यह काम बिना अधिक लिखा-पढ़ी के घर बैठे हो जाएगा। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने सोमवार को ऑनलाइन वेबसाइट का लोकार्पण किया। उन्होंने बताया कि विभाग की वेबसाइट landconversion.bihar.gov.in पर जाकर कोई रैयत जमीन की प्रकृति में बदलाव के लिए ऑनलाइन आवेदन दे सकता है।
उन्होंने बताया कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद लैंड कन्वर्जन प्रमाण पत्र को ऑनलाइन डाउनलोड भी कर सकता है। मेहता ने कहा कि राज्य में औद्योगीकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का यह एक महत्वपूर्ण कदम है। विभाग ने कृषि भूमि को गैर कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवर्त्तन की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है। फिलहाल, अनुमंडल पदाधिकारी को सक्षम प्राधिकार बनाया गया है।
कैसे करेंगे भुगतान?
हालांकि, भविष्य में भूमि सुधार उप समाहर्त्ता को सक्षम प्राधिकार बनाने पर भी विभाग विचार हो रहा है। उन्होंने बताया कि भुगतान की प्रक्रिया भी ऑनलाइन है। इन्टरनेट बैंकिग, डेबिट (रूपे), क्रेडिट कार्ड एवं यूपीआई के माध्यम से भुगतान किया जा सकता है। सम्परिवर्त्तन फीस अधिसूचित भूमि के बाजार मूल्य का 10 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।
मंत्री ने बताया कि पहले सक्षम प्राधिकार, स्वप्रेरणा से या अंचल अधिकारी द्वारा समर्पित प्रतिवेदन के आधार पर जमीन का प्रकृति परिवर्तन होता था। इसमें शिकायत भी होती थी। अब प्रक्रिया के ऑनलाइन होने से निष्पक्षता एवं पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। उद्यमी वर्ग को सरकारी कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
इन मामलों में अनुमति की जरूरत नहीं
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने बताया कि छोटी दुकानों के लिए उपयोग में लायी जानेवाली 500 वर्गफीट से कम जमीन के लिए में सम्परिवर्तन प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी। एक एकड़ से कम पारंपरिक पेशा से जुड़े सूक्ष्म गृह उद्योग के लिए भी यह आवश्यक नहीं होगा। बिहार कृषि भूमि (गैर कृषि प्रयोजनों के लिए सम्परिवर्तन) अधिनियम, 2010 के अनुसार अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश से प्रभावित व्यक्ति 60 दिनों के भीतर समाहर्त्ता के समक्ष अपील दायर कर सकेगा। आदेश के विरूद्ध 30 दिनों के भीतर प्रमडलीय आयुक्त के समक्ष पुनरीक्षण वाद दायर करने का प्रविधान किया गया है।
ये भी पढ़ें- Nitish Kumar के 'वन टू वन' फॉर्मूले की क्या है जमीनी हकीकत? JDU-RJD और कांग्रेस में ही छिड़ सकती है 'पावर गेम'
ये भी पढ़ें- उपेंद्र कुशवाहा का NDA को क्लियर मैसेज! इन 8 लोकसभा सीटों पर मजबूत की दावेदारी, प्रभारियों को ड्यूटी पर लगाया