Bihar Politics: हर 'जाति' में मिले गरीब, नीतीश कुमार ने अमित शाह को बताई रिपोर्ट; CM ने केंद्रीय गृह मंत्री से कर दी यह मांग
Bihar Politics मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में लगभग तीन घंटे तक चली पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रो हाल ही में बिहार में हुई जाति आधारित गणना की आयी रिपोर्ट के बारे में विस्तार से बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते थे कि केंद्र सरकार जाति आधारित गणना कराए। आरंभ से ही इसके लिए हमलोग प्रयासरत थे।
By BHUWANESHWAR VATSYAYANEdited By: Prateek JainUpdated: Sun, 10 Dec 2023 08:43 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में लगभग तीन घंटे तक चली पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रो हाल ही में बिहार में हुई जाति आधारित गणना की आयी रिपोर्ट के बारे में विस्तार से बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते थे कि केंद्र सरकार जाति आधारित गणना कराए। आरंभ से ही इसके लिए हमलोग प्रयासरत थे। पर केंद्र सरकार द्वारा इस पर विचार नहीं किया गया। राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना करा ली है।
केंद्रीय गृह मंत्री को समझाए पूरे आंकड़े
जाति आधारित गणना के आंकड़े बताने के क्रम में मुख्यमंत्री ने अमित शाह को बताया कि बिहार की कुल आबादी 13 करोड़, सात लाख, 25 हजार, 310 है। इनमें से 53 लाख, 72 हजार, 22 लोग बिहार के बाहर रह रहे हैं।जाति आधारित गणना की रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि यहां 27.12 प्रतिशत पिछड़डा वर्ग, 36.01 प्रतिशत अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति के 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के 1.68 प्रतिशत तथा सामान्य वर्ग की आबादी 15.52 प्रतिशत है।
इन आंकड़ों के आधार पर सभी पार्टियों की सहमति से समाज के सभी कमजोर वर्गों के सामाजिक उत्थान के लिए आरक्षण में इनकी भागीदारी बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
सभी जातियों में गरीब परिवार मिले
मुख्यमंत्री ने यह बताया कि जाति आधारित गणना के क्रम में हुए आर्थिक सर्वे के अनुसार सभी जातियों में गरीब परिवार मिले।आंकड़े के अनुसार सामान्य वर्ग में 25.09 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग में 33.16, अतिपिछड़ा वर्ग में 33.58, अनुसूचित जाति में 42.93 तथा अनुसूचित जन जाति में 42.70 प्रतिशत लोग गरीब हैं। सभी वर्गों में गरीब परिवारों की कुल संख्या 94 लाख है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।