Bihar News: 'इतिहास का खजाना है हमारा बिहार', जापान गए तेजस्वी यादव ने कुछ इस अंदाज में की पर्यटन की ब्रांडिंग
जापान पहुंचे बिहार के पर्यटन मंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार को जाटा ट्रैवेल शो में इन्क्रेडिबल इंडिया और बिहार पवेलियन की शुरुआत की। यहां अगले चार दिनों तक बिहार के पर्यटन स्थलों की अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग की जाएगी। तेजस्वी ने टोक्यो में कहा कि जिन ऐतिहासिक स्थलों से राजकुमार सिद्धार्थ गुजरे ध्यान किया और बुद्धत्व का ज्ञान प्राप्त किया उस बिहार में आप सभी का स्वागत है।
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 26 Oct 2023 11:18 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग के सिलसिले में जापान गए राज्य के उप मुख्यमंत्री व पर्यटन मंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार को जाटा ट्रैवेल शो में इन्क्रेडिबल इंडिया और बिहार पवेलियन की संयुक्त रूप से शुरुआत की। यहां अगले चार दिनों तक बिहार के पर्यटन स्थलों की अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग की जाएगी।
तेजस्वी ने टोक्यो में कहा कि जिन ऐतिहासिक स्थलों से राजकुमार सिद्धार्थ गुजरे, ध्यान किया और बुद्धत्व का ज्ञान प्राप्त किया, उस बिहार में आप सभी का स्वागत है।
इतिहास का खजाना है बिहार का इतिहास
तेजस्वी ने कहा कि जिस धरती पर दुनिया के महान तीर्थयात्रियों को इतिहास का खजाना मिला, उस संस्कृति से रूबरू होने की चाह रखने वाले दुनिया भर के पर्यटकों का बिहार में स्वागत है। बिहार में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। बिहार कई धर्मों की जन्मस्थली और आध्यात्मिक जागृति की भूमि है।टूरिज़्म एक्सपो-2023, ओसाका, जापान की आज आधिकारिक शुरुआत में बिहार सरकार के पर्यटन विभाग की पैवेलियन का उद्घाटन किया तथा Incredible India द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। @TourismBiharGov #Bihar pic.twitter.com/ud0aOHmTWe
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 26, 2023
महाबोधि मंदिर और नालंदा विवि को देखना एक अलग अनुभव
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में बौद्ध सर्किट को दो प्रमुख भौगोलिक क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है। गंगा नदी के दक्षिण में हमारे पास बोधगया, राजगीर और नालंदा हैं, जबकि गंगा नदी के उत्तर में हमारे पास वैशाली, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण हैं।
उन्होंने कहा कि इन बौद्ध स्थलों में बोधगया की विश्व धरोहर स्थली महाबोधि मंदिर और नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेषों को देखना आप सभी के लिए कभी नहीं भूलने वाला अनुभव होगा।
नालंदा विश्वविद्यालय के स्वर्णिम इतिहास का भी किया जिक्र
तेजस्वी ने कहा कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय हजारों साल पहले दुनिया में शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। राजगीर में गृद्धकूट पहाड़ी पर भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ा एक और महत्वपूर्ण स्थान है, जहां उन्होंने कई साल बिताए और अपने कुछ सबसे महत्वपूर्ण उपदेश दिए। दो हजार वर्ष से अधिक पुराने कई मौर्यकालीन स्तूप आपको वैशाली, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में मिलेंगे।
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