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बिहार में धान की खेती पर संकट, बाणसागर डैम से नहीं मिल रहा पानी

बिहार में इस साल धान की खेती पर संकट के बादल छाये हुए हैं। बाणसागर डैम से पानी नहीं मिल रहा है। रिहंद से भी पानी मिलने की रफ्तार धीमी है।

By Ravi RanjanEdited By: Updated: Sun, 24 Jun 2018 08:04 PM (IST)
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बिहार में धान की खेती पर संकट, बाणसागर डैम से नहीं मिल रहा पानी

पटना [राज्य ब्यूरो]। मध्यप्रदेश स्थित बाणसागर डैम से बिहार को पानी नहीं मिल रहा है। इसका असर आने वाले समय में बिहार में धान की खेेती पर पड़ सकता है। अभी बिचड़ा तैयार किए जाने का समय है इस वजह से भयावहता को महसूस नहीं किया जा रहा पर अगर बाणसागर से पानी छोड़े जाने का मामला नहीं सुलझा तो सोन नहर से सिंचाई पर निर्भर रहने वाले किसान परेशान होंगे।

तय कैलेंडर के हिसाब से बाणसागर डैम से सोन नहर के लिए 15 मई से ही पानी छोड़ा जाना शुरू होना था पर अब एक महीने से अधिक का विलंब हो गया है। अभी तक बाणसागर से पानी नहीं छोड़ा जा रहा। शुक्रवार को जल संसाधन विभाग ने बाणसागर डैम के रेग्यूलेटरी को इस संबंध में पत्र लिखा है।

1973 के समझौते के तहत मिलना है बिहार को पानी

बाणसागर डैम के पानी के लिए 1973 में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार सरकार के बीच करार हुआ था। डैम के निर्माण में भी बिहार की भूमिका रही है। एक तय कैलेंडर के तहत सोन नहर के लिए बाणसागर डैम से बिहार को पानी मिलता है।

डैम में पानी कम रहने की आ रही सूचना

बताया जा रहा है कि वहां पानी की मात्रा कम है। बाणसागर डैम से मध्यप्रदेश के कुछ हिस्से में पेयजल की व्यवस्था भी की जाती है। इस कारण परेशानी है।

रिहंद से भी पानी तय कैलेंडर के हिसाब से नहीं

सोन नहर के एक हिस्से में यूपी के साोनभद्र स्थित रिहंद जलाशय से भी पानी मिलता है। औरंगाबाद के ओबरा के इलाके से यह पानी आता है। रिहंद से भी तय कैलेंडर के तहत बिहार को पानी नहीं मिल रहा है। पिछले तीन दिनों से रिहंद डैम से बिहार को पानी मिलना आरंभ हुआ है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 22 जून को 9407 क्यूसेक और 21 जून को 4820 क्यूसेक पानी रिहंद जलाशय से बिहार को मिला है।

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