Bihar Online Jamabandi: जमीन मालिक ध्यान दें! अगर जमाबंदी में है कोई गलती तो इस पोर्टल पर करें सुधार
परिमार्जन प्लस पोर्टल (Bihar Parimarjan Plus Portal) के माध्यम सीओ के स्तर से किए गए सुधार में से 20 प्रतिशत जमाबंदियों का सत्यापन प्रति माह डीसीएलआर और 10 प्रतिशत का अपर समाहर्ता करेंगे। परिमार्जन के नए आवेदन अब परिमार्जन प्लस पोर्टल से प्राप्त किए जाएंगे। सभी मामलों को तय समय-सीमा में निष्पादित करना है। इसमें लापरवाही या शिथिलता बरतने पर कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Jamin Jamabandi News जमाबंदी पंजी के ऑनलाइन डिजिटाइजेशन में कई तरह की त्रुटियां सामने आ रही हैं। रैयतों के नाम, पिता के नाम, पता, खाता-खेसरा, रकबा आदि में अशुद्धियां दिख रही हैं। कई जमाबंदी ऐसे हैं जिनमें खाता-खेसरा, रकबा, चौहद्दी आदि या तो है ही नहीं अथवा दिख नहीं रही है। इन्हें अपडेट किया जाना है।
ऑनलाइन दाखिल-खारिज, एलपीसी, भू लगान की त्रुटियों को भी दूर करना है। किसी भी प्रकार की अशुद्धि की स्थिति में स्वत: संज्ञान लेकर अथवा रैयतों से परिमार्जन प्लस पोर्टल के माध्यम से प्राप्त आवेदन के आलोक में प्रक्रिया के अनुरूप अंचलाधिकारी उसमें सुधार करेंगे।
नाम से लेकर खाता, खेसरा तक में होगा सुधार
डिजिटाइज्ड जमाबंदी में रैयत अथवा पिता के नाम में सुधार मूल जमाबंदी पंजी के अनुरूप होगा। पता या जाति में सुधार के लिए संबंधित दस्तावेज के आधार पर अंचल अधिकारी आगे की कार्रवाई करेंगे। पिता का नाम मूल जमाबंदी में नहीं रहने पर साक्ष्य के आधार पर उसे जोड़ा जाएगा।मूल जमाबंदी में खाता, खेसरा, रकबा अंकित नहीं होने पर रैयत द्वारा समर्पित अभिलेख के आधार पर सुधार होगा। इस स्थिति में जरूरत पड़ने पर सीओ जमीन की मापी भी करवा सकते हैं। परिमार्जन प्लस पोर्टल लागू होने के बाद ऑनलाइन की गई पुरानी जमाबंदी में सुधार करने के लिए रैयत को प्रक्रिया के तहत आवेदन करना होगा। उन्हें बिहार भूमि पोर्टल पर रजिस्टर कर लॉगिन करना होगा।
इसके बाद वे परिमार्जन मेनू पर क्लिक करेंगे। इसके बाद पुरानी जमाबंदी में सुधार के विकल्प पर क्लिक करना होगा। इसके आगे अपना नाम, पिता का नाम, पता, खाता-खेसरा, रकबा, चौहद्दी, कुलकुल क्षेत्रफल, लगान से संबंधित सुधार का अलग-अलग आप्शन मिलेगा। जितने बदलाव के लिए आवेदन करना है, उन्हें सेलेक्ट करेंगे। आवेदन को संशोधित करने की सुविधा भी रहेगी।
प्रति महीने की जाएगी जांच
आवश्यक सुधार कर आवेदक अपने आवेदन को सबमिट करेंगे। यह अंचल अधिकारी के पास जाएगा। इसके बाद अंचल अधिकारी उसे राजस्व कर्मचारी को अग्रसारित करेंगे। राजस्व कर्मचारी और राजस्व पदाधिकारी से होते हुए फिर अंचल अधिकारी उसे फाइनल एप्रूवल देंगे। किसी तरह की कमी पाए जाने पर आवेदन को रिजेक्ट भी किया जा सकेगा।
परिमार्जन प्लस पोर्टल (Bihar Parimarjan Plus Portal) के माध्यम सीओ के स्तर से किए गए सुधार में से 20 प्रतिशत जमाबंदियों का सत्यापन प्रति माह डीसीएलआर और 10 प्रतिशत का अपर समाहर्ता करेंगे। परिमार्जन के नए आवेदन अब परिमार्जन प्लस पोर्टल से प्राप्त किए जाएंगे। सभी मामलों को तय समय-सीमा में निष्पादित करना है। इसमें लापरवाही या शिथिलता बरतने पर कार्रवाई की जाएगी।
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