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Bihar Petrol VAT: नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, पेट्रोलियम डीलर्स को वैट रिटर्न दाखिल करने से मिली छूट

नीतीश सरकार ने बिहार के पेट्रोल पंप व्यवसायियों को लेकर बड़ा फैसला किया है। उप मुख्यमंत्री सह वित्त व वाणिज्य-कर मंत्री सम्राट चौधरी ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि अब पेट्रोल पंप व्यवसायियों को वैट रिटर्न नहीं दाखिल करना होगा। सरकार ने वैट कानून में संशोधन करते हुए पेट्रो उत्पादों के व्यवसायियों को यह राहत दी है।

By Vikash Chandra Pandey Edited By: Rajat Mourya Published: Thu, 04 Jul 2024 10:26 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2024 10:26 AM (IST)
पेट्रोलियम डीलर्स को वैट रिटर्न दाखिल करने से मिली छूट (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में अब पेट्रोल पंप व्यवसायियों को वैट रिटर्न नहीं दाखिल करना होगा। बिहार सरकार ने वैट कानून में संशोधन करते हुए पेट्रो उत्पादों के व्यवसायियों को यह राहत दी है। उप मुख्यमंत्री सह वित्त व वाणिज्य-कर मंत्री सम्राट चौधरी ने इसकी जानकारी दी है।

दरअसल, राज्य में डीजल, पेट्रोल, नेचुरल गैस व एविएशन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) पर वैट की देयता इनकी प्रथम बिक्री यानी तेल कंपनियों पर ही बनती है। इस कारण पेट्रोल-डीजल पंप वालों से वैट नहीं लिया जाता है। फिर भी पेट्रोल पंप व्यवसायियों को वैट अधिनियम के तहत अनिवार्य रूप से रिटर्न दाखिल करना होता है।

ऐसे में बिहार के पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि सरकार से लगातार यह अनुरोध करते रहे हैं कि जब वैट का भुगतान नहीं करना है तो रिटर्न दाखिल करने की झंझट से भी छुटकारा मिलनी चाहिए।

राज्य सरकार ने उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया है। उल्लेखनीय है कि बिहार वैट अधिनियम के अंतर्गत कंपाउंडिंग करदाताओं को छोड़कर प्रत्येक निबंधित व्यवसायी के लिए त्रैमासिक और वार्षिक आधार पर वैट दाखिल करना अनिवार्य है।

जल संसाधन बना जीएसटी का पूर्णतः अनुपालन करने वाला पहला विभाग

बिहार सरकार का जल संसाधन विभाग वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के प्रविधानों को पूरी तरह लागू करते हुए शत-प्रतिशत टैक्स-डिफाल्ट-फ्री के लक्ष्य को प्राप्त करने वाला बिहार का पहला विभाग बन गया है। विभागीय मंत्री विजय कुमार चौधरी और अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने अधिकारियों को इसके लिए बधाई दी है।

इसके साथ ही निर्देश है कि भविष्य में भी जीएसटी वेब एप पोर्टल का समुचित उपयोग करते हुए इस स्थिति को बनाए रखा जाए। बहरहाल विभागीय लेन-देन में जीएसटी के प्रविधानों का शत-प्रतिशत अनुपालन होने से खजाने में अतिरिक्त राजस्व पहुंचा है।

उल्लेखनीय है कि विभाग की सभी प्रशाखाओं, क्षेत्रीय कार्यालयों तथा संबंधित संस्थाओं एवं ठेकेदारों के लिए जीएसटी वेब एप पोर्टल उपलब्ध है। इसका सक्रियता से उपयोग करते हुए मई में किसी भी तरह के लेन-देन में जीएसटी के विभिन्न प्रविधानों को शत-प्रतिशत लागू किया गया। विभाग से जुड़े सभी ठेकेदारों ने अप्रैल का टैक्स रिटर्न भी जमा कर दिया है।

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