बिहार पुलिस में प्रोन्नति के इंतजार में खाली पड़े 18 हजार से अधिक पदों को भरने के लिए उच्चतर प्रभार का मॉडल अपनाया जाएगा। इसमें वेतन बढ़ोतरी तो नहीं होगी लेकिन नए पद से जुड़ी सारी शक्ति और जिम्मेदारी मिलेगी। पहले चरण में 11 हजार पुलिसकर्मियों व पदाधिकारियों को उच्चतर कार्यकारी प्रभार दिए जाने की स्वीकृति गृह विभाग से मिल गई है।
By Edited By: Mohit TripathiUpdated: Fri, 01 Sep 2023 12:29 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना: बिहार पुलिस में प्रमोशन के इंतजार में खाली पड़े 18 हजार पदों को भरने के लिए उच्चतर प्रभार का मॉडल अपनाया जाएगा। इसके तहत पदाधिकारी के वेतन में तो बढ़ोतरी नहीं होगी, लेकिन नए पद से सभी जिम्मेदारी उसे मिलेगी। उच्चतर प्रभार के अनुसार वर्दी भी मिलेगी।
पहले चरण में 11 हजार पुलिसकर्मियों और पदाधिकारियों को उच्चतर कार्यकारी प्रभार दिए जाने की स्वीकृति गृह विभाग से मिल गई है। इसके तहत सिपाही से सहायक अवर निरीक्षक (एएसआई), सहायक अवर निरीक्षक से पुलिस अवर निरीक्षक (एसआई), पुलिस अवर निरीक्षक से पुलिस निरीक्षक (इंस्पेक्टर) और पुलिस निरीक्षक से पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के पद पर उच्चतर प्रभार दिया जाएगा। यह भी नए प्रभार के अनुसार वर्दी पहनेंगे और काम करेंगे।
शुक्रवार को इस विषय पर डीजीपी आरएस भट्टी महत्वपूर्ण बैठक करने वाले हैं। उम्मीद है कि इसके बाद विस्तृत आदेश जारी कर दिया जाएगा।
5600 पीटीसी सिपाहियों को भी मिलेगा एएसआई का उच्चतर प्रभार
एडीजी ने बताया कि 11 हजार पदों को उच्चतर प्रभार की स्वीकृति के अलावा जल्द ही 5600 सिपाहियों को भी एएसआई रैंक में उच्चतर कार्यकारी प्रभार दिया जाएगा।
वर्तमान में यह सिपाही पीटीसी प्रशिक्षण पा रहे हैं। प्रशिक्षण के बाद उन्हें नई जवाबदेही दी जाएगी। एएसआई से इंस्पेक्टर तक की कार्यकारी व्यवस्था का आदेश पुलिस मुख्यालय के स्तर से, जबकि डीएसपी के पदों पर कार्यकारी प्रभार की व्यवस्था का आदेश गृह विभाग की ओर से जारी किया जाएगा।
एएसआई से डीएसपी तक 64 प्रतिशत पद खाली
कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के कारण बिहार पुलिस में चार साल से प्रोन्नति अटकी है। एडीजी ने बताया कि वर्ष 2019 में
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के बाद से राज्य सरकार के सभी सेवाओं एवं पदों पर दी जाने वाली प्रोन्नति के लिए विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक की कार्रवाई की अनुमति नहीं है।
प्रोन्नति न होने से एएसआई से डीएसपी तक 64 प्रतिशत पद रिक्त हैं। इसके कारण पुलिस अनुसंधान से लेकर ट्रैफिक, डायल-112, महिला हेल्प डेस्क, साइबर थाने समेत सभी जगह पदाधिकारियों की कमी से काम प्रभावित हो रहा है।
इसी को देखते हुए तत्काल 11 हजार पदों पर उच्चतर प्रभार की स्वीकृति दी गई है। कार्यकारी प्रभार के अंतर्गत काम किए जाने से प्रोन्नति या वरीयता का दावा मान्य नहीं होगा। इसके अलावा उच्चतर पद के वेतन का दावा भी स्वीकार्य नहीं किया जाएगा।
इस तरह समझिए नई व्यवस्था को
प्रोन्नति का इंतजार देख रहे
बिहार पुलिस के इंस्पेक्टर जल्द ही डीएसपी की वर्दी पहनेंगे। वह सारी जिम्मेदारी डीएसपी वाली निभाएंगे मगर उन्हें वेतन इंस्पेक्टर रैंक वाला ही मिलेगा। इसी तरह एएसआई को दारोगा और दारोगा को इंस्पेक्टर की वर्दी और शक्तियां मिलेगी। वह थाना भी संभालेंगे मगर वेतन पुराने पद वाला ही मिलेगा।
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