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Bihar Police: 25 हजार इन्‍वेस्टिगेटिंग अफसरों को जल्द मिलेंगे लैपटॉप और स्मार्टफोन, 200 करोड़ रुपये होंगे खर्च

Bihar Latest News एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो चुके हैं। वहीं इनके लागू होने से पुलिस के डिजिटल कामकाज में बढ़ोतरी हुई है। तलाशी-जब्ती से लेकर बयान लेने तक वीडियोग्राफी भी अनिवार्य कर दी गई है। ऐसे में यह अनिवार्यता देखते हुए सभी अनुसंधान पदाधिकारियों (आईओ) को लैपटॉप और स्मार्टफोन देने की योजना बनाई गई है।

By Rajat Kumar Edited By: Prateek Jain Updated: Tue, 30 Jul 2024 12:12 AM (IST)
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बिहार पुलिस मुख्यालय अनुसंधान पदाधिकारियों को उपकरणों की खरीद के लिए निर्धारित राशि प्रदान करने पर विचार कर रहा है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Patna News: एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद पुलिस का डिजिटल कामकाज बढ़ गया है। इसके अलावा तलाशी-जब्ती से लेकर बयान लेने तक वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दी गई है। इस अनिवार्यता को देखते हुए जल्द ही सभी अनुसंधान पदाधिकारियों (आईओ) को लैपटॉप और स्मार्टफोन दिए जाएंगे।

गृह विभाग इससे संबंधित प्रस्ताव को अंतिम रूप देने में जुटा है। जल्द ही इस पर मंत्रिपरिषद की स्वीकृति ली जाएगी। इसके बाद इससे संबंधित प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। वर्तमान में पुलिस में अनुसंधान पदाधिकारियों की संख्या करीब 23 हजार है, जो वर्ष के अंत तक करीब 25 हजार होने का अनुमान है।

डीएसपी रैंक के अफसरों को भी दिए जाएंगे लैपटॉप-स्‍मार्टफोन

इसके अलावा डीएसपी रैंक के सुपरविजन अधिकारियों की संख्या भी करीब दो हजार है। इन्हें भी लैपटॉप और स्मार्टफोन देने की योजना है। इस पर करीब 200 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है।

विभागीय सूत्रों के अनुसार, सभी आईओ को चरणबद्ध तरीके से लैपटॉप और स्मार्टफोन देने की योजना है। पहले चरण में दस हजार जांच पदाधिकारियों से शुरुआत की जाएगी। इसके बाद अन्य आईओ को लैपटॉप और स्मार्टफोन उपलब्ध कराए जाएंगे।

पुलिस मुख्यालय इस पर विचार कर रहा है कि अनुसंधान पदाधिकारियों को उपकरणों की खरीद के लिए निर्धारित राशि ही प्रदान कर दी जाए। इसके लिए लैपटॉप और मोबाइल का तकनीकी विवरण भी मुहैया कराया जाएगा, ताकि एकरूपता रहे।

इसके आधार पर संबंधित पदाधिकारी तय मानक के अनुरूप अपनी पसंद का सामान खरीद सकेंगे। जल्द ही इस बिंदु पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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