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Cyber ​​Crime : पटना के 14 साइबर अपराधियों ने 2 महीने में कर डाली करोड़ों की ठगी, तरीका जान रह जाएंगे हैरान

साइबर अपराधी अब पुलिस से बचने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। फर्जी ऑनलाइन गेमिंग ऐप तैयार कर लोगों से फ्रॉड करने वाले साइबर ठग अब बिहार के बाहर अन्य राज्यों को भी अपना ठिकाना बना रहे हैं। यूपी की महराजगंज पुलिस ने छापेमारी करके गिरोह के 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है।

By Ashish Shukla Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 13 Jun 2024 08:38 AM (IST)
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पटना के 14 साइबर अपराधियों ने 2 महीने में कर डाले करोड़ों की ठगी। (सांकेतिक फोटो)

जागरण संवाददाता, पटना। वेबसाइट के माध्यम से फर्जी ऑनलाइन गेमिंग ऐप तैयार कर लोगों से ठगी करने वाले साइबर ठग अब बिहार के बाहर दूसरे राज्य के सीमावर्ती जिलों में ठिकाना बना रहे है। उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिला की पुलिस ने कोल्हुई थाना क्षेत्र में छापेमारी कर गिरोह के 14 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें पटना के बख्तियापुर थाना क्षेत्र के नया टोला निवासी रोशन कुमार, पूर्वी चंपारण के गोविंदगंज थाना क्षेत्र के सरैया गांव निवासी शहाबुद्दीन और ऋतिक कुमार सिंह भी शामिल है। जबकि 11 अन्य आरोपित छत्तीसगढ़ और यूपी के निवासी हैं। इनसे पूछताछ के बाद कई और आरोपितों का नाम उजागर हुआ है। यूपी पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए पटना पुलिस से संपर्क कर रही है।

तीन माह में दो करोड़ की ठगी, 8 करोड़ का हिसाब

पुलिस को सूचना मिली कि महराजगंज जिले में बिहार, छत्तीसगढ़ सहित यूपी के अन्य जिलों के कुछ साइबर अपराधी कोल्हुई के बभनी बुजुर्ग गांव में एक मकान में बैठकर साइबर ठगी कर रहे है।

पुलिस की विशेष टीम उस गांव की घेराबंदी कर छापेमारी की। सभी आरोपितों को मौके पर ही दबोच लिया गया। गिरोह पिछले तीन माह से यहां ठहरा हुआ था और इस बीच करीब तीन करोड़ की ठगी कर चुका था।

इनके पास से 49 मोबाइल, 30 सिमकार्ड, 7 लैपटॉप और साइबर ठगी का प्रतिदिन का लेखा जोखा से संबंधित 6 रजिस्टर, 6 बैंक खाता पासबुक और 8 चेकबुक, 14 एटीएम कार्ड व 11 फर्जी आधार कार्ड, 8 पैन कार्ड, दो सादे पन्ने पर चिपकाई गयी कुल 49 पर्ची बरामद किया गया। इनके पास से सात से आठ करोड़ रुपये का हिसाब भी मिला।

43 सौ से अधिक खातों का मिला रिकार्ड

ऑनलाइन गेमिंग के लिए वेबसाइट से फर्जी ढंग से दो ऐप्लीकेशन तैयार कर लोगों को अपना शिकार बना रहे थे। इंटरनेट मीडिया पर अपने ऑनलाइन गेम का प्रचार भी कर रहे थे।

पूर्वी चम्पारण, गोपालगंज समेत कई और शहरों में बकायदे दफ्तर खोल गेमिंग के विशेषज्ञों को काम पर लगाया था। इनके पास से 43 सौ से अधिक खातों का रिकार्ड मिला है।

सूत्रों के मुताबिक, ऐप्लीकेशन की मदद से लोगों का मोबाइल नंबर निकाल उन्हें लिंक भेजते थे। झांसे में आने वाले लोगों को ऑनलाइन गेम खेलने के लिए उनके भुगतान किए गए पैसे के बदले डिजिटल क्वाइन देते थे। उसी के आधार पर ऑनलाइन गेम खेला रहे थे। जिस रंग पर अधिक वैट लगता था उसे हरा देते थे।

तीन आरोपितों की तलाश में गोपालगंज पहुंची थी पुलिस

ऑनलाइन गेमिंग का अवैध धंधा पिछले तीन माह से चल रहा था। प्रयागराज पुलिस भी ऑनलाइन गेमिंग के फ्राड के मामले में छत्तीसगढ़ निवासी राहुल, मनीष राव व मनीष की तलाश में जुटी थी। यूपी पुलिस गोपालगंज में छापेमारी की थी। वहां पता चला कि गिरोह में पटना के भी साइबर ठग शामिल है।

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