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बिहार पुलिस का नियमों के विरुद्ध रवैया, किशोरों के साथ वर्दी में तस्वीर... न्यायालय में हथकड़ी जैसे किए काम

Bihar Police किशोरों के साथ बिहार पुलिस नियमों के विरुद्ध व्यवहार कर रही है। एक मामले में पुलिस अधिकारियों ने चार किशोरों के साथ वर्दी में प्रेसवार्ता कर तस्वीर खिंचवाई। वहीं एक अन्य मामले में किशोर न्याय बोर्ड की जगह न्यायालय में हथकड़ी लगाकर प्रस्तुत कर दिया। अब इन मामलों में संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।

By manish kumarEdited By: Aysha SheikhUpdated: Sun, 01 Oct 2023 03:56 PM (IST)
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बिहार पुलिस का नियमों के विरुद्ध रवैया

जागरण संवाददाता, गोपालगंज। जिला पुलिस द्वारा किशोरों के साथ विधि विरुद्ध व्यवहार के मामले सामने आए हैं। इसपर न्यायालय की ओर से सवाल उठाए गए हैं। ऐसा करने वाले बिहार पुलिस सेवा के दो पदाधिकारी हैं।

प्रशिक्षु डीएसपी व कुचायकोट थानाध्यक्ष साक्षी राय ने एक विधि विरुद्ध किशोर को किशोर न्याय बोर्ड की जगह अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-प्रथम के न्यायालय में हथकड़ी लगाकर प्रस्तुत करा दिया।

इसी प्रकार हथुआ के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडपीओ) अनुराग कुमार ने हथियार के साथ पकड़े गए चार विधि विरुद्ध किशोरों के साथ वर्दी में प्रेसवार्ता कर तस्वीर खिंचवाई।

तस्वीर गोपालगंज पुलिस के इंटरनेट मीडिया हैंडल पर भी प्रसारित कर दी गई। हालांकि, न्यायालय की ओर से सवाल उठाए जाने के बाद पोस्ट को हटा दिया गया।

चार महीनों के दौरान सामने आए इन दोनों मामलों को लेकर गोपालगंज के पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने संबंधित पुलिस अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने की बात कही है।

रातभर हवालात में रखा, लगाई हथकड़ी

पहला मामला 12 जून को एक लूट कांड में पकड़े गए एक विधि विरुद्ध किशोर को हथकड़ी लगाकर न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने का है। इसे लेकर एसीजेएम-प्रथम मानवेंद्र मिश्रा के न्यायालय ने प्रशिक्षु डीएसपी व कुचायकोट थाना प्रभारी सह अनुसंधानकर्ता से स्पष्टीकरण मांगा था।

साथ ही विधि विरुद्ध किशोर को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। न्यायालय ने अनुसंधानकर्ता के स्वयं उपस्थित नहीं होकर चौकीदार के माध्यम से किशोर को प्रस्तुत किए जाने पर भी नाराजगी जताई थी।

न्यायालय ने यह भी पाया कि विधि विरुद्ध किशोर को प्रस्तुत करते समय पुलिस सादे लिबास में नहीं थी। बताया गया कि कुचायकोट थाना क्षेत्र के बेलवा गांव के प्रभात कुमार दुबे के मोबाइल और पर्स कोन्हवा मोड़ से आगे डुमरिया छठ घाट के पास चाकू दिखाकर बाइक सवार तीन अपराधियों ने लूट लिया था।

नगर थाना क्षेत्र के लूट के एक अन्य मामले में गिरफ्तार आरोपित मांझागढ़ थाना के अदमापुर गांव के सिधु कुमार उर्फ शिबू कुमार के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर थावे थाना क्षेत्र के एक किशोर को पकड़ा गया था।

गिरफ्तारी में उसकी उम्र 18 वर्ष बताई गई, जबकि हाई स्कूल के अंक पत्र के अनुसार वह नाबालिग है। थावे थाना क्षेत्र के निवासी आरोपित किशोर ने न्यायालय को बताया कि वह इंटर का छात्र है।

उसने 2021 में मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की थी। कुचायकोट थाना प्रभारी को इन बातों की जानकारी दी गई, लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया। उसे रात भर हवालात में भी रखा गया।

विधि विरुद्ध किशोरों के साथ की प्रेसवार्ता

दूसरा मामला फुलवरिया थाना के श्रीपुर ओपी क्षेत्र से हथियार के साथ पकड़े गए चार विधि विरुद्ध किशोरों के साथ प्रेसवार्ता का है। इसे किशोर न्याय बोर्ड ने गंभीरता से लिया।

12 सितंबर को बोर्ड की प्रधान मजिस्ट्रेट स्वाति दुबे ने विशेष किशोर पुलिस इकाई के नोडल आफिसर से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए एक सप्ताह के अंदर स्वयं उपस्थित होकर जवाब देने का आदेश दिया था।

10 सितंबर को एक विधि विरुद्ध किशोर का कट्टा के साथ फोटो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ था। इसके बाद पुलिस को सूचना मिली कि उक्त विधि विरुद्ध किशोर अपने कुछ साथियों के साथ एक गांव में है।

इसके बाद पुलिस ने गांव में छापेमारी कर चार विधि विरुद्ध किशोरों को एक देसी कट्टा एवं कारतूस के साथ पकड़ लिया। बाद में 11 सितंबर को विशेष किशोर पुलिस इकाई के नोडल पदाधिकारी व हथुआ एसडीपीओ अनुराग कुमार ने चारों किशोरों के साथ प्रेसवार्ता की।

प्रेसवार्ता के समय उनके चेहरे काले तौलिए से ढंक दिए गए थे। उनके साथ खड़े चार पुलिसकर्मी वर्दी में थे। खुद नोडल पदाधिकारी भी वर्दी में ही थे। बाद में उक्त सभी किशोर न्याय बोर्ड के सामने प्रस्तुत किए गए।

किशोरों की तरफ से उनके अधिवक्ता ने बोर्ड के समक्ष प्रेसवार्ता और गोपालगंज पुलिस के एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल पर अपलोड तस्वीर के स्क्रीनशाट दाखिल कर बताया कि नोडल पदाधिकारी ने किशोर न्याय अधिनियम का उल्लंघन किया है।

इसकी सूचना पटना उच्च न्यायालय तथा किशोर न्याय निगरानी समिति को भी दी गई है। हालांकि, अब पुलिस के एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल पर अपलोड तस्वीर को हटा दिया गया है।

किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों का पालन करने की जिम्मेदारी नोडल पदाधिकारी की है। उनकी यह भी जवाबदेही है कि सभी संबंधित थानों से भी अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन कराएं। ऐसा नहीं होने की स्थिति में संबंधित उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। - गिरीजेश मिश्रा (अधिवक्ता, गोपालगंज)

दोनों ही मामले संज्ञान में हैं। कानून सबके लिए बराबर है। हथुआ एसडीपीओ अनुराग कुमार एवं प्रशिक्षु डीएसपी सह कुचायकोट थानाध्यक्ष साक्षी राय से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। - स्वर्ण प्रभात (पुलिस अधीक्षक, गोपालगंज)

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