Patna News: तबादले के बाद भी नहीं बदलेगा IO का लैपटॉप और स्मार्टफोन
बिहार पुलिस के अनुसंधान पदाधिकारियों को लैपटॉप और स्मार्टफोन दिए जानें के फैसले के बाद अब एक और बड़ा फैसला किया गया है। ट्रांसफर के बाद भी आईओ का लैपटॉप और स्मार्टफोन नहीं बदला जाएगा। नए अपराधिक कानून लागू होने के बाद बढ़ती डिजिटल साक्ष्यों की महत्ता को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है। अब IO ट्रांसफर के बाद भी अपना लैपटॉप और स्मार्टफोन साथ रख सकेंगे।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस के सभी अनुसंधान पदाधिकारियों (आइओ) को लैपटॉप और स्मार्टफोन स्थाई रूप से मिलेगा। यानी तबादले के बाद भी लैपटॉप और स्मार्टफोन आइओ के पास ही रहेगा। यह व्यवस्था इसलिए की गई है, ताकि स्थानांतरण के बाद भी स्मार्टफोन और लैपटाप में एकत्रित किए गए साक्ष्यों और ट्रॉयल के दौरान गवाही आदि के काम में आवश्यकतानुसार इसका इस्तेमाल किया जा सके।
डिजिटल साक्ष्यों की बढ़ी महत्ता
- तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद डिजिटल साक्ष्यों की महत्ता बढ़ गई है।
- पुलिस जांच के साथ ही ट्रायल के दौरान भी आडियो-वीडियो साक्ष्य जरूरी हो गए हैं।
- पुलिस को छापेमारी या अपराध के बाद घटनास्थल का निरीक्षण करने के दौरान वीडियो बनाना है।
- इसके साथ ही अपराधियों और गवाहों के बयान भी आडियो-वीडियो रूप में रिकार्ड करने हैं।
190 करोड़ के बजट को स्वीकृति
इन सारी जरूरतों को देखते हुए ही राज्य सरकार ने पुलिस कांडों की जांच करने वाले सभी आइओ को लैपटॉप और स्मार्टफोन दिया जाना है। इसके लिए 190 करोड़ 63 लाख 20 हजार की राशि खर्च करने की स्वीकृति भी दे दी गई है। विभागीय जानकारी के अनुसार, आइओ को दिए जाने वाले लैपटॉप और स्मार्टफोन की खरीद पुलिस मुख्यालय के स्तर से नहीं होगी। सभी आइओ अपने स्तर से लैपटॉप और स्मार्टफोन खरीदेंगे।
1 जुलाई से लागू हुए नए आपराधिक कानून
1 जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए हैं। इन कानूनों ने भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता,1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह ली है।बिल के आधार पर होगा भुगतान
उपकरणों के खरीद बिल के आधार पर प्रतिपूर्ति राशि उन्हें मुख्यालय स्तर से उपलब्ध कराई जाएगी। लैपटॉप और स्मार्टफाने की विशिष्टियों व मानकों का निर्धारण पुलिस मुख्यालय के स्तर से किया जाएगा। लैपटॉप के लिए करीब 60 हजार, जबकि मोबाइल के लिए करीब 20 हजार रुपये दिए जाएंगे।
विभाग के अनुसार, यह सुविधा ऐसे आइओ को ही दी जाएगी जिनकी सेवा संपुष्ट हो गई हो या जिनकी अधिकतम आयु 55 वर्ष से अधिक न हो। इसके अलावा खरीदे जाने वाले लैपटॉप और स्मार्टफोन के रखरखाव एवं मेंटनेंस की जिम्मेदारी भी संबंधित आइओ की ही होगी। एक साल के बाद इस प्रणाली के कार्यान्वयन की समीक्षा के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।
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