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Bihar Police पेपर लीक मामले में नया खुलासा, गया-दरभंगा और नवादा से पटना पहुंची थी आंसर-की; डेढ़ घंटे पहले...

Bihar Constable Paper Leak सिपाही भर्ती परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले ने बिहार में बवाल मचाया हुआ है। इस मामले में हर दिन एक नया खुलासा हो रहा है। कंकड़बाग थाना पुलिस की जांच से खुलासा हुआ है कि गया दरभंगा और नवादा से चेन के माध्यम से पटना तक आंसर-की पहुंची थी। इन जिलों के साथ ही नालंदा और पटना में भी पुलिस छापेमारी कर रही है।

By Ashish ShuklaEdited By: Aysha SheikhUpdated: Fri, 06 Oct 2023 12:31 PM (IST)
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Bihar Police पेपर लीक मामले में नया खुलासा, गया-दरभंगा और नवादा से पटना पहुंची थी आंसर-की

जागरण संवाददाता, पटना। Bihar Police Constable Recruitment Exam: बिहार पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए सिपाही कमलेश कुमार के मोबाइल में दो संदिग्ध नंबर मिले है। दोनों नंबर गया और नवादा के हैं।

वह परीक्षा शुरू होने के 15 दिन पहले से ही इन दोनों नंबरों के संपर्क में था। इन्हीं दोनों नंबरों से सिपाही के वॉट्सएप पर दूसरी पाली की परीक्षा शुरू होने के डेढ़ घंटे पहले आंसर-की भेजी गई थी।

कंकड़बाग स्थित रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज से जिन छह अभ्यर्थियों को कदाचार में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, उनमें शामिल रजनीश के मोबाइल पर दरभंगा से आंसर की भेजी गई थी।

चेन के माध्यम से पटना तक आंसर-की पहुंची

कंकड़बाग थाना पुलिस की अब तक की जांच में पता चला है कि गया, दरभंगा और नवादा से चेन के माध्यम से पटना तक आंसर-की पहुंची थी। कंकड़बाग थानेदार रविशंकर सिंह ने बताया कि तीन जिलों के नाम सामने आए हैं। अब तक जो गिरफ्तारियां हुईं, कहा जा सकता है कि वह चेन का हिस्सा थे।

कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए जांच आगे बढ़ रही है। सिपाही के मोबाइल पर जैसे ही गया और नवादा के दो नंबरों से आंसर-की मिली, उसने बिना देर किए कंकड़बाग रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज सेंटर पर परीक्षा देने पहुंचे रिश्तेदार मनु के मोबाइल पर उसे भेज दिया था।

सॉल्वर गिरोह के चेन का हिस्सा होने की आशंका

पुलिस की मानें तो जिन दोनों नंबर से सिपाही को पहले आंसर-की भेजी गई थी, वह सॉल्वर गिरोह के चेन का हिस्सा हो सकते हैं। अब उन दोनों नंबरों की तकनीकी जांच कर आरोपित की पहचान की जा रही है। उनकी गिरफ्तारी के बाद गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की पहचान होगी।

वहीं, रजनीश के मोबाइल पर भी आंसर-की परीक्षा शुरू होने के डेढ़ घंटे पहले ही भेजी गई थी। उसके वॉट्सएप पर जिस नंबर से आंसर की भेजी गई थी, उसका वह नंबर दरभंगा का है।

उक्त मोबाइल नंबर के जरिए आरोपित की पहचान की जा रही है। साथ ही गया, नवादा और दरभंगा के तीनों मोबाइल नंबर की तकनीकी जांच की जा रही है। परीक्षा के दिन उनकी आखिरी लोकेशन कहां थी? उन तीनों नंबरों से किन लोगों से संपर्क किया जा रहा था? सहित अन्य जानकारी जुटाई जा रही है।

सेटिंग को लेकर बातचीत, छह की मिली लोकेशन

पुलिस ने अब तक दो दर्जन से अधिक संदिग्ध नंबरों की सूची तैयार की है। इसमें छह नंबरों की लोकेशन भी मिल चुकी है। जरूरत पड़ी तो कदाचार मामले में जेल भेजे गए मनु और रजनीश को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है।

अब तक की जांच में स्पष्ट हो चुका है कि सिपाही गया और नवादा के उन दो नंबरों के संपर्क में परीक्षा शुरू होने के 15 से 20 दिन पहले से ही था। वॉट्सएप चैटिंग से पता चला है कि आरोपित सिपाही सहित कई अन्य को इस बात की भनक लग चुकी थी कि सॉल्वर की सेटिंग से आंसर-की आसानी से उपलब्ध करा देंगे। सूत्रों की मानें तो तीनों जिलों में कई और लोग सेटिंग में जुटे थे।

चेन तोड़ने में जुटी तकनीकी सेल की विशेष टीम

सूत्रों की मानें तो पुलिस अधिकारी गया, नवादा और दरभंगा जिला पुलिस के संपर्क में हैं। जल्द ही इन तीनों जिनों में छापेमारी की जाएगी। इसके साथ ही नालंदा और पटना में पुलिस छापेमारी कर रही है।

आंसर-की किस गिरोह ने लीक की, इसका पर्दाफाश भी जल्द हो सकता है। मामले में आर्थिक अपराध ईआई की तकनीकी सेल की टीम भी काम कर रही है। एक नंबर से दूसरे नंबर पर कैसे-कैसे आंसर-की भेजी गई, इस कड़ी को जोड़ते हुए जांच आगे बढ़ रही है।

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