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Bihar Police Paper Leak: अभ्यर्थियों के पास आंसर-की मिलने से हड़कंप, कोचिंग संचालक ने पैसे लेकर दिए थे उत्तर

पटना के कंकड़बाग थानाक्षेत्र के अशोक नगर मोहल्ले में स्थित रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज में नकल करने के आरोप में जेल गए अभ्यर्थियों के पास से आंसर-की (Answer Key) की मिलने से अभ्यर्थियों में हड़कंप मचा हुआ है। कैमूर एसपी ललित मोहन शर्मा ने बताया कि रविवार को परीक्षा देते वक्त भूपेश गुप्त इंटर कॉलेज से केंद्राधीक्षक संजय सिंह और छह परीक्षार्थी आंसर की के साथ पकड़े गए थे।

By Jitendra KumarEdited By: Mohit TripathiUpdated: Mon, 02 Oct 2023 10:44 PM (IST)
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पेपर लीक की खबर से अभ्यर्थियों में मचा हड़कंप। (सांकेतिक फोटो)
जागरण टीम, पटना: पटना के कंकड़बाग थानाक्षेत्र के अशोक नगर मोहल्ले में स्थित रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज में नकल करने के आरोप में जेल गए अभ्यर्थियों के पास से मिली आंसर-की (Answer Key) मूल प्रश्नों से मेल खा रही थी। इससे स्पष्ट है कि आरोपियों के पास प्रश्न और उत्तर पहले से उपलब्ध थे।

थानेदार रवि शंकर सिंह ने स्वीकार किया कि आरोपियों के पास से जो पर्चे मिले थे, उस पर प्रश्नों के उत्तर लिखे थे। उसका मिलान कराया गया तो कई प्रश्न मेल खा रहे हैं। प्रश्नपत्र लीक हुआ था या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है। 

EOU करेगा मामले की जांच

सिपाही बहाली की परीक्षा ( Bihar Constable Recruitment Exam) के दौरान अभ्यर्थियों के पास मिले आंसर की जांच के लिए ईओयू (EOU) ने SIT का गठन कर दिया है। इसकी मॉनीटरिंग खुद एडीजी नैय्यर हसनैन खान (ADG Nayyar Hasnain Khan) कर रहे हैं।

कोचिंग संचालक ने पैसे लेकर दिए थे प्रश्नों के उत्तर

कैमूर एसपी ललित मोहन शर्मा ने बताया कि रविवार को परीक्षा देते वक्त भूपेश गुप्त इंटर कॉलेज से केंद्राधीक्षक संजय सिंह और छह परीक्षार्थी आंसर की के साथ पकड़े गए थे। अभ्यर्थियों के पास मिले पर्चे में लिखे कई प्रश्न व उत्तर आपस में मेल खा रहे थे।

इसके बाद केंद्र के बाहर स्थित दुकान में रखे परीक्षार्थियों के मोबाइल की जांच की गई। जांच में छात्रों और केंद्राधीक्षक के बीच 30 सितंबर को बातचीत करने के प्रमाण मिले हैं। केंद्राधीक्षक के मोबाइल में कुल दस परीक्षार्थियों के रोल नंबर और प्रवेश पत्र भी मिले।

इन्हीं सबूतों के आधार पर परीक्षा के बाद घर जा चुके चार अभ्यर्थियों को पकड़ा गया है। सोमवार को केंद्राधीक्षक और दस अन्य परीक्षार्थियों को जेल भेज दिया गया है।

अब परीक्षार्थियों को वाट्सएप पर प्रश्नों के उत्तर उपलब्ध कराने वाले कोचिंग संचालक मोहनियां के कमलेश सिंह की तलाश की जा रही है।

परीक्षार्थियों ने उसे पेमेंट एप फोन पे से भुगतान किया था, इसकी पुष्टि हो गई है। सभी पकड़े गए परीक्षार्थी कैमूर जिले के ही निवासी हैं।

द्वितीय पाली की परीक्षा में पकड़े गए थे अभ्यर्थी

रामकृष्ण द्वारिका कालेज के केंद्राधीक्षक डॉ. अरविंद कुमार ने प्राथमिकी कराई है। इसमें लिखा है कि द्वितीय पाली की परीक्षा में हाल नंबर 12 से रवि रंजन कुमार और विमल कुमार, 13 से रजनीश कुमार, 19 से अरविंद कुमार, 25 से रोशन कुमार और 26 से मनु कुमार को कदाचार करते पकड़ा गया।

इस पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट के प्रतिहस्ताक्षर भी हैं। हालांकि, प्राथमिकी में यह स्पष्ट नहीं लिखा है कि वे किस तरीके से कदाचार कर रहे थे।

मनु और विमल दुल्हिन बाजार के रहने वाले हैं, जबकि रविरंजन सकसोहरा, रजनीश बख्तियारपुर, अरविंद मनेर और रोशन मसौढ़ी के निवासी हैं।

आंसर-की देख भौंचक रह गए अधिकारी

सूत्रों की मानें तो प्रश्नपत्र से मेल खाती आंसर-की देखकर अधिकारी भौंचक रह गए। रात में जिला प्रशासन के वरीय अधिकारियों ने कंकड़बाग थाने पहुंच कर अभ्यर्थियों से पूछताछ की।

इनमें से कुछ ने बताया कि वे जिस कोचिंग में पढ़ते हैं, वहां के शिक्षक ने कहा था कि इसे पढ़ने से प्रश्नों के हल मिल जाएंगे।

वहीं, कुछ आरोपियों ने कहा कि दोस्त की सलाह पर वे इस आंसर-की से पढ़ाई कर रहे थे। फिलहाल, किसी ने प्रश्नपत्र खरीदने की बात नहीं कही थी।

पुलिस के लिए प्रश्नपत्र लीक करने वाले को पकड़ना चुनौती है। प्रश्नपत्र किन स्तरों पर लीक किया जा सकता है, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं।

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