Bihar Politics: विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी और गठबंधन के 'कटप्पा' ढूंढ रही JDU, रिपोर्ट सामने आते ही होगा तगड़ा एक्शन
Bihar News देश में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद 4 जून को परिणाम सामने आए जिसमें एनडीए को तीसरी बार बहुमत मिला। वहीं नतीजों के बाद सभी दल अपनी-अपनी हार-जीत की समीक्षा कर रहे हैं। इसी क्रम में जदयू ने भी ऐसा ही कदम उठाया है। पार्टी अलग-अलग एंंगल से रिपोर्ट तैयार कर रही है ताकि बाद में उसके अनुसार एक्शन लेकर आगे काम किया जा सके।
भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। सुपरहिट फिल्म बाहुबली के कैरेक्टर 'कटप्पा' को कोई भूल नहीं सकता कि कैसे वह पीठ के पीछे से धोखे से कहानी के मुख्य किरदार बाहुबली की हत्या कर देता है। ठीक यही स्थिति जदयू को अपनी पार्टी और गठबंधन में समझ आ रही है।
दरअसल, इसी महीने संपन्न हुए आम चुनाव में जदयू और एनडीए ने सरकार तो बना ली, लेकिन बिहार में कई सीटों पर इन्हें नुकसान उठाना पड़ा। वहीं, कई जगहों पर जीतने के बाद भी नेताओं और कार्यकर्ताओं के योगदान में कमी नजर आई।
जदयू के प्रत्याशियों को किस तरह से गठबंधन व दल से जुड़े लोगों ने ही मदद नहीं की। इसपर जदयू कई एंगल से रिपोर्ट से तैयार कर रहा है, ताकि भीतरघातियों पर एक्शन लिया जा सके।
जदयू इसके लिए अपने सांसदों व हार गए प्रत्याशियाें से आवेदन ले रहा है। उनके हस्ताक्षर के साथ यह रिपोर्ट तैयार हो रही है। दो-चार सीटाें की रिपोर्ट अभी नहीं बनी है। रिपोर्ट को उच्च स्तर पर रखा जाएगा। साथ ही ऐसा करने से जदयू को विधानसभा चुनाव में सचेत रहकर रणनीति बनाने में आसानी होगी।
एक-एक बूथ की रिपोर्ट जमा की जा रही
जदयू के संबंधित पदाधिकारी ने बताया कि सांसदों व प्रत्याशियों से मिली जानकारी के आधार पर उक्त इलाके से बूथवार रिपोर्ट मंगायी गयी है। संबंधित प्रत्याशी ने जिन बूथों पर गठबंधन के लोगों से सहयोग नहीं मिलने की शिकायत की थी। वह बात सही निकली है।कोर वाेटरों की सक्रियता कुछ जगहों पर नहीं रही
जदयू के सांसदों और हार गए प्रत्याशियों के लिखित फीडबैक में यह बात सामने आयी है कि कुछ जगहों को छोड़ पार्टी के कोर वोट बैंक बहुत अधिक सेंधमारी नहीं हुई। इसे इस तरह बताया गया कि जहां दूसरे दल से कुशवाहा प्रत्याशी थे वहां कुशवाहा समाज का वोट जदयू से खिसक गया।
दूसरे जगहों पर कुशवाहा समाज का वोट जदयू प्रत्याशी को हासिल हुआ है। इसी तरह राजद के समीकरण के तहत जो वोट थे वह जदयू को नहीं मिला। अतिपिछड़ा समाज का वोट थोक में जदयू के प्रत्याशियों को गया। सवर्ण वोटरों की आस्था भी दिखी।
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