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Bihar: पुराने सहयोगियों की लोकसभा सीटों पर BJP की टेढ़ी नजर, राजनीतिक चक्रव्यूह बिछाने में जुटी पार्टी

भाजपा आगामी लोकसभा चुनावों में बिहार की उन लोकसभा सीटों को भी फतह करने की फिराक में है जिनपर 2019 में राजग के घटक जदयू और लोजपा को जीत मिली थी। इन सीटों को अपनी झोली में डालने के लिए भाजपा अभी से तैयारियों में जुट गई है। भाजपा इन लोकसभा सीटों पर पार्टी के 12 पूर्व मंत्रियों की विधानसभावार फील्डिंग सजाई है। इनमें दो पूर्व उप मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।

By Raman ShuklaEdited By: Mohit TripathiUpdated: Sun, 27 Aug 2023 08:14 PM (IST)
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अभी से जीत की तैयारियों में जुटी भाजपा। (फाइल फोटो)
रमण शुक्ला, पटना: भाजपा आगामी लोकसभा चुनावों में बिहार की उन 10 लोकसभा सीटों को भी फतह करने की फिराक में है, जिनपर 2019 में राजग के घटक जदयू और लोजपा को जीत मिली थी। इन लोकसभा सीटों को अपनी झोली में डालने के लिए भाजपा अभी से अपनी तैयारियों में जुट गई है।

भाजपा इन लोकसभा सीटों पर पार्टी के 12 पूर्व मंत्रियों की विधानसभावार फील्डिंग सजाई है। इनमें दो पूर्व उप मुख्यमंत्री भी शामिल हैं।

क्लस्टर प्लॉन के तहत पार्टी ने पूर्व मंत्रियों को कम से कम चार विधानसभा क्षेत्रों में रात्रि प्रवास सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपा है। इसके साथ ही दस-दस बिंदुओं पर संगठनात्मक दायित्व को पूरा करने का टॉस्क भी दिया गया है।

क्लस्टर सीटों में वाल्मीकिनगर, कटिहार, पूर्णिया, गया, झंझारपुर, सुपौल, मुंगेर, किशनगंज, नवादा एवं वैशाली हैं।

क्या है भाजपा की प्लॉनिंग

इस कार्य योजना के तहत प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र एक क्लस्टर का हिस्सा है, जिसके लिए एक नेता को प्रभारी बनाया गया है। सरकारी की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन और उसके प्रभाव पर जानकारी एकत्र कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए केंद्रीय, स्थानीय और जिला स्तरों पर एक त्रि-स्तरीय समिति का गठन किया गया है।

स्थानीय संगठन की मदद से प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में जनसांख्यिकी से जुड़े आंकड़े जुटा रही है। पहल पीछे पार्टी का मुख्य लक्ष्य संगठन को मजबूती देते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनावी रणनीति से जुड़ी कई स्थितियों के लिए प्रेरित करना है। मसलन स्थानीय लोगों को बूथ स्तर की गतिविधियों से प्रभावित करने से लेकर व्हाट्सएप समूहों सहित सोशल मीडिया पर काम करना।

संगठन की कसौटी पर होगी यात्रा

पार्टी ने सभी पूर्व मंत्रियों को कम से कम एक बूथ स्तरीय बैठक करने, शक्ति केंद्र समिति एवं शक्तिकेंद्र के सभी बूथ अध्यक्ष के साथ सुनिश्चित करने का दायित्व दिया है।

वहीं, मंडल और मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की बैठक और विधानसभा कोर कमेटी की बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं।

साथ ही अनिवार्य रूप से एक अनुसूचित जाति बस्ती का दौरा करने और किसी अनुसूचित परिवार के साथ भोजन करना है।

प्रमुख धार्मिक स्थल, सांस्कृतिक धरोहर से संपर्क का टॉस्क

विधानसभा क्षेत्र के किसी एक प्रमुख हस्ती से संपर्क करने के साथ ही किसी एक प्रमुख धार्मिक स्थल, सांस्कृतिक स्थल या सामाजिक संस्थान से संपर्क करने का टॉस्क भी सम्मिलित है।

किसी एक जनसुविधा केंद्र, राशन की दुकान, जन औषधि केंद्र पर संपर्क सुनिश्चित करना है। संगठन की ओर से सभी पूर्व मंत्रियों के यात्रा की निगरानी भी होगी।

किन किन पूर्व मंत्रियों को सौंपा गया दायित्व

क्लस्टर प्लान के तहत पूर्व उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद, रेणु देवी के अलावा पूर्व मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, नारायण प्रसाद, रामसूरत राय, आलोक रंजन झा, नितिन नवीन, जनक राम, प्रमोद कुमार, नीरज सिंह बब्लू, रामप्रीत पासवान, राणा रंधीर सिंह के अलावा विधायक संजीव चौरसिया एवं एमएलसी घनश्याम ठाकुर को चार-चार विधानसभा क्षेत्र का दायित्व दिया है।

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