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Bihar politics: बिहार में शुरू हुई 'बहाली' की राजनीति, अब नौकरियों पर भाजपा और सरकार में सीधी भिड़ंत

Bihar Politics बिहार में इन दिनों बहाली के नाम पर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। सरकार एक तरफ नियुक्ति पत्र बांटकर वाहवाही बटोरी रही है तो वहीं भाजपा का आरोप है कि महागठबंधन की सरकार सरकारी नौकरी के नाम पर री पैकेजिंग कर रही है।

By Arun AsheshEdited By: Rahul KumarUpdated: Thu, 17 Nov 2022 06:03 PM (IST)
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बिहार में सरकारी नौकरियों के नाम पर सरकार और बीजेपी आमने सामने। फाइल फोटो

अरुण अशेष, पटना। राज्य सरकार बहाली के नाम पर खूब वाहवाही बटोर रही है। उधर भाजपा दस्तावेजों के हवाले से कह रही है कि बहाली के नाम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार री पैकेजिंग कर रहे हैं। पहले बहाल सरकारी सेवकों को दूसरी बार नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। यह सब राजग में टूट और सरकार के साथ राजद के जुड़ जाने के बाद हो रहा है। क्रम यही बना है, जिस दिन मुख्यमंत्री नियुक्ति पत्र बांटेंगे, शाम तक भाजपा फर्जी बता देगी।

सत्ताधारी दलों का स्थायी जवाब है 

वादा करने के बाद भी भाजपा की सरकारें बेरोजगारों को नौकरी नहीं दे रही हैं। महागठबंधन सरकार दे रही है तो भाजपा बौखला गई है। यह सच कि अभी हो रही बहालियों की प्रक्रिया राजग सरकार के समय में ही शुरू हुई थी। इनमें से कुछ विभागों में उसी समय नियुक्ति पत्र दे दिया गया था। नए बहाल कर्मचारी प्रशिक्षण लेकर कार्यस्थल पर तैनात भी हो गए थे। हालांकि, हर मामले में ऐसा नहीं है। वैसे राज्य में कोई भी नियुक्ति निर्धारित समय में पूरी नहीं हो पाती है। सरकारी एजेंसियां बहाली की प्रक्रिया पूरी करती हैं। परिणाम घोषित होने से पहले या परिणाम घोषित होने के बाद मामला हाई कोर्ट में पहुंच जाता है। अभी जिन लोगों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है, उसकी प्रक्रिया पहले से चल रही है। 

सितंबर से बंट रहे नियुक्ति पत्र 

राज्य में महागठबंधन सरकार का गठन 10 अगस्त को हुआ। छह सितंबर को अनुसूचित जाति, जनजाति विभाग में 62 लिपिकों को नियुक्ति पत्र दिया गया। 20 सितंबर को 4,325 राजस्व कर्मियों को मुख्यमंत्री के हाथों नियुक्ति पत्र दिया गया। नीतीश सरकार में भाजपा कोटे से राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि 4,325 राजस्व कर्मचारियों को अगस्त के पहले सप्ताह में नौकरी दे दी गई थी। उन्हें जिला भी आवंटित कर दिया गया था। 27 सितंबर को 283 पशु चिकित्सक नियुक्त किए गए। मुख्यमंत्री ने तीन नवंबर को 183 उर्दू अनुवादकों और नौ नवंबर को विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग में विभिन्न पदों के लिए 425 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया। 14 नवंबर को जल संसाधन विभाग में एक हजार से अधिक कर्मचारी बहाल हुए। 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र देने के लिए गांधी मैदान में 17 नवंबर को मेगा शो का आयोजन किया गया। 

क्या कह रहा विपक्ष 

विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिन 10 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र दिया गया। वे सभी पहले से काम कर रहे हैं। पहले से काम कर रहे कर्मी को नियुक्ति नहीं प्रतिनियुक्ति पत्र दिया जा सकता है। सिन्हा के अनुसार पुलिसकर्मियों की बहाली के लिए नवंबर 2020 में विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। शारीरिक दक्षता परीक्षा इस साल फरवरी से अप्रैल के बीच हुई। राजग सरकार के समय ही सभी पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र दे दिया गया था। 

राजद का जवाब 

राजद के प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि महागठबंधन सरकार बेरोजगार नौजवानों के चेहरे पर मुस्कान और खुशहाली ला रही है। इससे भाजपा नेताओं में बौखलाहट और बेचैनी है। जहां भाजपा नौकरी छीन रही है। नरेंद्र मोदी की सरकार ने आठ वर्षों में 16 करोड रोजगार देने की जगह सिर्फ सात लाख 22 हजार लोगों को नौकरी या रोजगार दिया है।

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