Bihar Politics: बिहार विधानसभा में बदल गया सीटों का 'नंबर गेम', क्या खतरे में है नीतीश सरकार?
बिहार विधानसभा में 4 सीटें रिक्त हो गई हैं। मंगलवार को विधानसभा से रिक्ति की सूचना चुनाव आयोग को भेज दी गई। नई रिक्तियों के साथ ही भाजपा विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी हो गई है। राजद की सदस्य संख्या 77 रह गई है। वहीं भाजपा के विधायकों की संख्या 78 से एक कम है। बीमा भारती के त्याग पत्र के कारण जदयू के विधायकों की संख्या 44 है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Assembly Seats विधायकों के सांसद बनने के कारण रिक्त हुई विधानसभा की चार सीटों पर उप चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। मंगलवार को विधानसभा से रिक्ति की सूचना चुनाव आयोग को भेज दी गई। अब आयोग उप चुनाव की तिथि निर्धारित करेगा।
नई रिक्तियों के साथ ही भाजपा विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी हो गई है। मालूम हो कि 2020 में विधायक बने हम के जीतनराम मांझी (इमामगंज) भाकपा माले के सुदामा प्रसाद (तरारी), राजद के सुरेंद्र प्रसाद यादव (बेलागंज) और सुधाकर सिंह (रामगढ़) लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं।
4 विधायकों का इस्तीफा मंजूर
इन सबने विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने सबों का त्याग पत्र मंजूर भी कर लिया। इमामगंज, तरारी, बेलागंज और रामगढ़ के अलावा रूपौली विधानसभा भी अभी रिक्त है। रूपौली में उप चुनाव हो रहा है।बिहार विधानसभा का गणित, BJP सबसे बड़ी पार्टी
पांच रिक्तियों के कारण 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में विधायकों की संख्या 238 रह गई है। विधानसभा चुनाव से पहले तक 79 सदस्य संख्या के साथ राजद सबसे बड़ा दल था, लेकिन सुरेंद्र प्रसाद यादव और सुधाकर सिंह के सांसद चुने जाने से राजद की सदस्य संख्या 77 रह गई है।
यह भाजपा के विधायकों की संख्या 78 से एक कम है। रूपौली से जदयू विधायक रही बीमा भारती के त्याग पत्र के कारण जदयू के विधायकों की संख्या 44 रह गई है।
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