Bihar Politics: 'हाथ कंगन को आरसी क्या...', अशोक चौधरी ने लालू-तेजस्वी पर बोला तीखा हमला
अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार की कार्यशैली ही अलग है जो उन्हें सबसे लग स्थान पर रखती है। जब वह केंद्र में रेल मंत्री थे तो ऑनलाइन टिकट रिजर्वेशन का काम किया। इसी तरह जब वह कृषि राज्य मंत्री बने तो पहली बार देश में कृषि नीति लेकर आए। वर्ष 2005 में जब वह बिहार के मुख्यमंत्री बने तो सबसे अधिक जोर विधि-व्यवस्था को नियंत्रित करने पर रहा।
राज्य ब्यूरो, पटना। नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में भवन निर्माण मंत्री रहे जदयू के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी कहते हैं कि राजद के जो नेता महागठबंधन सरकार के दौरान नीतीश कुमार द्वारा किए गए कार्यों को अपना काम बताकर सेहरा लेने की कोशिश कर रहे, वे मुख्यमंत्री की कार्यशैली से कोसों दूर हैं। लंबे समय तक बिहार में राजद का भी शासन रहा है। उनके काम को भी लोगों ने देखा है।
उन्होंने कहा कि 18 वर्षों के कार्यकाल में नीतीश कुमार ने जो काम किया है वह भी लोगों के सामने है। हाथ कंगन को आरसी क्या? नीतीश कुमार के घोर विरोधी भी इस बात के कायल रहे हैं कि बिहार के कायाकल्प में उनकी महती भूमिका रही है। दैनिक जागरण से विशेष बातचीत के क्रम में अशोक चौधरी ने ये बातें कहीं।
कार्यशैली ही अलग है नीतीश कुमार की
अशोक चौधरी कहते हैं कि नीतीश कुमार की कार्यशैली ही अलग है, जो उन्हें औरों से अलग स्थान पर रखती है। जब वह केंद्र में रेल मंत्री थे तो ऑनलाइन टिकट रिजर्वेशन व ट्रैक सुदृढ़ीकरण का काम किया। इसी तरह जब वह कृषि राज्य मंत्री बने तो पहली बार देश में कृषि नीति लेकर आए। वर्ष 2005 में जब वह बिहार के मुख्यमंत्री बने तो सबसे अधिक जोर विधि-व्यवस्था को नियंत्रित करने पर रहा।अशोक चौधरी ने आगे कहा कि मध्य बिहार उन दिनों जाति और नक्सल हिंसा से प्रभावित था। मुख्यमंत्री ने सोशल इंजीनियरिंग करते हुए पंचायती राज व्यवस्था में आरक्षण का प्रविधान कर चुनाव कराया। अति पिछड़ों, दलितों व महिलाओं को आरक्षण मिला और फिर जातीय उन्माद व नक्सली हिंसा को रोकने में इससे मदद मिली।
नए विभागों को शुरू कर पारदर्शिता उपलब्ध करायी
अशोक चौधरी कहते हैं नीतीश कुमार ने कई नए विभागों को आरंभ किया और सरकार के कामकाज में पारदर्शिता उपलब्ध करायी। कई ऐसी नयी योजनाओं को आरंभ किया जिससे सभी वर्ग के लोगों को लाभ मिला। उनके द्वारा शुरू की गयी कई योजनाओं को केंद्र सरकार ने अपने स्तर पर शुरू किया। इसमें हर घर नल का जल और जीविका प्रमुख है। बिहार जैसे राज्य में पर्यावरण को केंद्र में रखकर शुरू किए गए जल-जीवन-हरियाली अभियान को वैश्विक स्तर पर सराहना मिली। यूएनओ ने इस बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विशेष रूप से आमंत्रित कर उनके अनुभवों पर बात की। दरअसल वह बड़े कैनवास पर काम करते हैं। अगले 20 साल को केंद्र में रखकर वे योजनाएं तय करते हैं।सभी को लाभ मिले इस एप्रोच पर काम करते हैं
अशोक चौधरी कहते हैं कि योजना को ले नीतीश कुमार का एप्रोच यह रहा है कि सभी को लाभ हो। हर घर नल का जल, हर घर पक्की गली-नाली या फिर युवाओं के लिए कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा में मदद आदि पर कोई कुछ आपत्ति नहीं कर सकता।
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