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पटना में तीन और चार सितंबर को होगी JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, इन मुद्दों पर हो सकती चर्चा

Bihar politics जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी व राष्ट्रीय परिषद की बैठक तीन और चार सितंबर को होगी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले तीन सिंतबर को राज्य कार्यकारिणी की बैठक होगी। तीनों बैठक में मुख्यमंत्री व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शामिल होंगे।

By Rahul KumarEdited By: Updated: Sun, 21 Aug 2022 07:00 PM (IST)
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। जागरण आर्काइव

राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक अगले माह तीन सितंबर को जदयू के प्रदेश कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में होगी। वहीं चार सितंबर को पटना में ही राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी। तीन सितंबर को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले उसी दिन सुबह 11 बजे जदयू की राज्य. कार्यकारिणी की बैठक होगी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी व राष्ट्रीय परिषद की बैठक का महत्व इसलिए विशेष है कि एनडीए गठबंधन से अलग होने के बाद जदयू की  यह पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी है। पार्टी की तीनों बैठकों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह मौजूद रहेंगे। 

100 से अधिक प्रतिनिधी होंगे शामिल

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद से राष्ट्रीय कार्यकारिणी के एजेंडा के बारे में बात की गयी तो उन्होंने कहा कि एजेंडा तय किया जा रहा है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सौ से अधिक प्रतिनिधयों की मौजूदगी रहेगी। इसमें जदयू के तमाम सांसद व अलग-लग प्रदेशों के जदयू प्रदेश अध्यक्ष शामिल हैं। दोपहर बाद दो बजे से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी है। वहीं तीन सितंबर को ही सुबह 11 बजे से जदयू प्रदेश कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में जदयू की बिहार इकाई की राज्य कार्यकारिणी की बैठक होगी। चार सितंबर को जदयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक होनी है। उक्त बैठक में ढाई सौ के करीब प्रतिनिधि शामिल होंगे। पार्टी के जिलाध्यक्षों की भी इस बैठक में मौजूदगी रहेगी। राज्य कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश के सभी प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्ष, विधायक व विधान पार्षद मौजूद रहेंगे। 

बीजेपी से अलग होने की वजहों पर होगी चर्चा

अब तक मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सबसे पहले जदयू के उस फैसले पर मुहर लगेगी जिसके तहत पार्टी ने एनडीए गठबंधन से अलग होकर महागठबंधन के साथ जाकर सरकार बनाए जाने का फैसला लिया। वरिष्ठ नेताओं का इस संबंध में संबोधन होगा। यह बताया जाएगा कि आखिर किन परिस्थितियों में जदयू को एनडीए से अलग होने का निर्णय लेना पड़ा। इसके अतिरिक्त देश की वर्तमान स्थिति और चुुनौतियों पर चर्चा होगी। इस बात को भी बताया जाएगा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री किस तरह से जदयू में रहकर भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे। पार्टी के सदस्यता अभियान पर भी निर्णय लिए जाएंगे।

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