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Bihar Politics: महिला सांसद बनना नहीं आसान, नारी तभी 'शक्ति' जब हो नेताजी की रिश्तेदार; पढ़ लीजिए पिछला रिकॉर्ड

Bihar News चुनावों में महिला शक्ति की बातें तो खूब होती हैं मगर टिकट देने के समय महिलाएं पिछड़ जाती हैं। पिछले तीन लोकसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो दोनों गठबंधनों को जोड़कर भी महिला उम्मीदवारों की संख्या एक दर्जन के आंकड़े को नहीं छू पाती। वर्ष 2014 के में बिहार में 11 महिला उम्मीदवारों को टिकट मिला जबकि पिछली बार नौ महिला उम्मीदवार ही मैदान में रहीं।

By Rajat Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sun, 07 Apr 2024 04:56 PM (IST)
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देश में महिला सांसद बनना नहीं आसान (जागरण)

कुमार रजत, पटना। Bihar Politics News Hindi:  चुनावों में महिला शक्ति की बातें तो खूब होती हैं, मगर टिकट देने के समय महिलाएं पिछड़ जाती हैं। पिछले तीन लोकसभा चुनाव के आंकड़े देखें तो दोनों गठबंधनों को जोड़कर भी महिला उम्मीदवारों की संख्या एक दर्जन के आंकड़े को नहीं छू पाती।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार के प्रमुख दलों ने 11 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया, जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में महज नौ महिला उम्मीदवार ही मैदान में रहीं। इस बार अभी तक दोनों गठबंधनों से नौ महिला उम्मीदवारों के नामों का एलान हुआ है। सबसे बड़ी बात कि टिकट पाने में उन्हीं महिलाओं का दबदबा है, जो राजनीतिक परिवार से जुड़ीं हैं।

यानी, जिनके पति, पिता या कोई रिश्तेदार पहले से सांसद या विधायक हों। इस बार भी नौ में छह महिला उम्मीदवार राजनीतिक घराने से हैं, जिनमें मीसा भारती, रोहिणी आचार्य, शांभवी चौधरी, वीणा देवी, लवली आनंद और विजयलक्ष्मी कुशवाहा शामिल हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन और राजग दोनों ओर से कुल 80 प्रत्याशियों में महज नौ महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया गया था।

रमा देवी, रंजीत रंजन इसकी उदाहरण

इनमें शिवहर से भाजपा की रमा देवी ने जीत हासिल की, जो पूर्व मंत्री स्व. बृजबिहारी प्रसाद की पत्नी हैं। सुपौल से रंजीत रंजन को कांग्रेस ने टिकट दिया, जो पूर्व सांसद पप्पू यादव की पत्नी हैं। वैशाली से लोजपा के टिकट पर जदयू विधानपार्षद दिनेश सिंह की पत्नी वीणा देवी ने जीत हासिल की।

सिवान से विधायक जगमातो देवी की बहू कविता सिंह ने जदयू के टिकट पर जीत दर्ज की। पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब ने राजद के टिकट पर सिवान, पूर्व विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने राजद के टिकट पर मुंगेर, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती ने राजद के टिकट पर पाटलिपुत्र, जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार ने कांग्रेस के टिकट पर सासाराम और पूर्व मंत्री राजवल्लभ प्रसाद की पत्नी विभा देवी ने राजद के टिकट पर नवादा सीट से चुनाव लड़ा था, मगर सभी को हार का सामना करना पड़ा।

इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की पत्नी पुतुल कुमारी बांका से 2010 के उपचुनाव में जीत दर्ज कर सांसद बन चुकी हैं। जदयू के पूर्व सांसद अजीत सिंह की पत्नी मीना सिंह भी बिक्रमगंज और भोजपुर से जीत दर्ज कर चुकी हैं।

पटना पूर्वी लोकसभा सीट से तारकेश्वरी सिन्हा चुनी गई थीं पहली महिला सांसद लोकसभा चुनावों में भले ही अब राजनीतिक घरानों की महिलाओं का दबदबा हो, मगर इसकी शुरुआत ऐसी नहीं थी। वर्ष 1952 में हुए देश के पहले आम चुनाव में पटना पूर्वी लोकसभा सीट से तारकेश्वरी सिन्हा ने जीत दर्ज की थी। वह छात्र राजनीति से आई थीं और स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय रही थीं।

वह बिहार की पहली महिला सांसद थीं। उन्होंने लगातार चार चुनावों में पटना पूर्वी सीट से जीत दर्ज की थी। इसके बाद भी राजद से कांति सिंह, जदयू से अश्वमेध देवी जैसी कई महिला सांसद रहीं जिन्होंने राजनीति में अपने दम पर पहचान बनाई।

इस बार दोनों गठबंधनों से नौ को टिकट इस बार दोनों प्रमुख गठबंधनों से नौ महिला उम्मीदवारों को अभी तक टिकट मिला है। राजग की ओर से चार महिला उम्मीदवार हैं। इनमें शिवहर से जदयू ने पूर्व सांसद आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को टिकट दिया है।

शांभवी चौधरी, वीणा देवी को टिकट

सिवान से जदयू ने पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा की पत्नी विजयलक्ष्मी कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। वहीं लोजपा ने समस्तीपुर से मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी, जबकि वैशाली से जदयू विधानपार्षद दिनेश सिंह की पत्नी वीणा देवी को टिकट दिया है। महागठबंधन की ओर से राजद के टिकट पर लालू प्रसाद की दो बेटियां किस्मत आजमा रही हैं।

पाटलिपुत्र से मीसा भारती, जबकि सारण से रोहिणी आचार्य चुनावी मैदान में हैं। पूर्णिया से विधायक बीमा भारती, जमुई से अर्चना रविदास और मुंगेर से अनिता देवी को राजद ने टिकट दिया है। वैशाली से पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला की पत्नी अन्नू शुक्ला को राजद का टिकट मिलने की संभावना है।

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