बिहार की राजनीति में ठकाठक, फटाफट, खटाखट की गूंज; राहुल-मोदी और तेजस्वी ने छेड़ा नया राग
तेजस्वी यादव जो लोकसभा चुनाव के दौरान अब तक करीब सवा दो सौ से ज्यादा चुनावी सभाएं कर चुके हैं वे इन दिनों अपनी कमोबेश हर चुनावी सभा मे ठकाठक फटाफट खटाखट और सफाचट जैसे शब्दों का जमकर उपयोग कर रहे हैं। तेजस्वी को उनके विरोधी जवाब भी उसी अंदाज में दे रहे हैं। मंच से तेजस्वी कहते हैं मिजाज रखिये टनाटन मतदान के दिन वोट डालिये खटाखट।
सुनील राज, पटना। लोकसभा चुनावों की लंबी मियाद बीतने का समय नजदीक आ रहा है। इससे पहले देश के साथ बिहार में सातवें चरण में तमाम राजनीतिक दल अपनी जीत के लिए जोर लगा रहे हैं।
पहली जून को सातवें चरण के मतदान और चार जून को मतगणना के साथ ही यह साफ हो जाएगा कि जनता ने देश के तख्तोताज पर आखिर किसे बैठने की अनुमति दी, लेकिन इससे पहले अंतिम चरण के मतदान के ऐन पहले बिहार की राजनीति में ठकाठक, फटाफट, खटाखट और सफाचट जैसे शब्द मतदाताओं का ध्यान खूब आकर्षित कर रहे हैं।
पांचवे चरण के मतदान के ठीक बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी मैदान में इन शब्दों का इस्तेमाल किया। जिसके बाद बिहार में मुख्य विपक्षी दल ने तो अपने विरोधियों पर हमले के लिए इन शब्दों को हथियार की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
तेजस्वी ने बोले- ठकाठक, फटाफट और सफाचट
बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जो लोकसभा चुनाव के दौरान अब तक करीब सवा दो सौ से ज्यादा चुनावी सभाएं कर चुके हैं, वे इन दिनों अपनी कमोबेश हर चुनावी सभा मे ठकाठक, फटाफट, खटाखट और सफाचट जैसे शब्दों का जमकर उपयोग कर रहे हैं।
तेजस्वी को उनके विरोधी जवाब भी उसी अंदाज में दे रहे हैं। मंच से नेता प्रतिपक्ष कहते हैं मिजाज रखिये टनाटन, टनाटन, टनाटन, मतदान के दिन वोट डालिये खटाखट, खटाखट, खटाखट। चार जून के बाद भाजपा हो जाएगी सफाचट, सफाचट, सफाचट। नौकरी मिलेगी फटाफट, फटाफट, फटाफट। दीदी के खाते में एक लाख जाएंगे सटासट, सटासट, सटासट।
अमूमन तेजस्वी अपनी हर सभा में इन शब्दों का इस्तेमाल कर मतदाताओं से सीधा संवाद स्थापित करते हैं। तेजस्वी यादव के इस प्रकार से हमले के बाद विरोधी भी चुप नहीं बैठते। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम नेता जीतन राम मांझी जैसे नेता तेजस्वी को उनके ही अंदाज में जवाब भी देते हैं।
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