Bihar Politics: 'नफरती राजनीति के उखड़ने लगे हैं पैर...', शिक्षक नियुक्ति पर BJP के सवालों पर RJD ने कसा तंज
शिक्षकों भर्ती को लेकर भारतीय जनता पार्टी लगातार सवाल उठा रही है। भाजपा दावा का दावा है कि बिहार सरकार शिक्षकों की भर्ती को लेकर झूठा दावा कर रही है। भाजपा मुख्यमंत्री से सवाल पूछ रही है कि नीतीश कुमार बताएं कि शिक्षक भर्ती में कितने नए अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। भाजपा के इन हमलों को राजद ने अनर्गल बयानबाजी करार दिया है।
By BHUWANESHWAR VATSYAYANEdited By: Mohit TripathiUpdated: Sun, 05 Nov 2023 01:56 AM (IST)
जागरण टीम, पटना/आरा। शिक्षक की नियुक्ति को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा दागे जा रहे सवालों को राजद ने अनर्गल करार दिया है। राजद का कहना है कि शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर भाजपा की अनर्गल बयानबाजी उनकी युवाओं और महिलाओं के प्रति सोच बता रही है।
नफरती राजनीति के उखड़ने लगे हैं पैर
राजद प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी, चितरंजन गगन, डॉ. उर्मिला ठाकुर व सारिका पासवान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अब भाजपा की नफरती राजनीति के पैर बिहार से उखड़ने लगे हैं।
उन्होंने भाजपा राज में बेरोजगारी 10.4 प्रतिशत हो गयी है, जबकि यूपीए के कार्यकाल में यह 5.4 प्रतिशत थी। भाजपा के लिए नौकरी व रोजगार कोई मुद्दा नहीं है। वह केवल नफरत और भावनात्मक मुद्दों पर राजनीति करती है।
भाजपा के आरोपों को बताया बेबुनियाद
राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि नौकरी और रोजगार को तेजस्वी यादव ने मुद्दा बनाया है। नीतीश कुमार ने इसे कार्यरूप देने का अभियान शुरू किया है।
भाजपा द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति पर तथ्यहीन सवाल खड़े कर बिहार लोकसेवा आयोग के साथ-साथ सफल अभ्यर्थियों का अपमान किया जा रहा।
कुलपति मामले को ले विश्वविद्यालय के शिक्षक आमने-सामने
इधर, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में कुलपति को लेकर शिक्षकों के बीच मतभेद दिखने लगे हैं। स्नातकोत्तर के वरीय शिक्षकों ने शुक्रवार को कुलपति प्रो. शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी को लेकर शिक्षक संघ के समन्वय समिति द्वारा जारी बयान को आड़े हाथ लिया है।
शुक्रवार को शिक्षक संघ ने कुलपति प्रो. चतुर्वेदी को बिहार विश्वविद्यालय के प्रभार से मुक्त करने के लिए कुलाधिपति सह राज्यपाल को पत्र लिखने की धमकी दी थी। इसके विरुद्ध स्नातकोत्तर प्राचीन इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. विजय कुमार सिंह और समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. अवध बिहारी सिंह ने संयुक्त रूप से वीर कुवर सिंह विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (भाकुटा) एवं वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (भकुष्टा) पर अकर्मण्य और शिक्षकों की समस्याओं के प्रति असंवेदनशील रहने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों के प्रति उदासीन रहने वाला संघ अपनी उदासीनता को छिपाने के लिए अपनी खिज कुलपति पर उतार रहा है, जबकि विश्वविद्यालय के पिछड़े सत्र को नियमित करने, शिक्षकों की प्रोन्नति को अंतिम रूप देने में लगे हैं। वैसी स्थिति में अब शिक्षक संघ आंदोलन की धमकी देकर इसका प्रोन्नति का श्रेय लेना चाहता है। जबकि एनपीएस, वेतन सत्यापन जैसे मसले पर कभी भी सक्रियता नहीं दिखायी।
इसके अलावा शिक्षकों का समय पर वेतन भुगतान हो, इस पर भी सक्रियता कभी नहीं दिखाई। जिसके कारण एनपीएस और वेतन सत्यापन के मुद्दे अभी भी लंबित है। इन सब मुद्दों से शिक्षकों का ध्यान भटकाने के लिए आंदोलन की धमकी दी जा रही है।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की स्वायत्तता के मुद्दे पर भाकुटा और भकुष्टा मौनी बाबा बने हुए थे। कुलपति ने नवम्बर से दिसम्बर के मध्य तक प्रोन्नति का आश्वासन दिया है। 15 अगस्त और स्थापना दिवस पर कुलपति ने अपना दर्द बयां किया। उन्होंने शिक्षकों के स्वाभिमान, अस्मिता और विश्वविद्यालय की स्वायतता की लड़ाई लड़ी।
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