'अगर हिम्मत है तो केंद्र सरकार से...', सुशील मोदी का CM नीतीश कुमार को चैलेंज; बोले- तथ्य छिपा कर बात न करें
Bihar Politics राज्यसभा सांसद एवं बीजेपी नेता सुशील मोदी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया है। सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा का साथ छोड़ने के 13 महीने बाद नीतीश कुमार को केंद्रीय सहायता में भेदभाव क्यों दिखने लगा? यदि हिम्मत है तो वे केंद्र से कोई मदद न लेने की घोषणा करें। वे जिससे सहायता लेते हैं उसे ही कोसने भी लगे हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। Sushil Modi On Nitish Kumar राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने बिहार को केंद्रीय सहायता न मिलने के आरोप का कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा कि जिस राज्य के कुल बजट का 60 प्रतिशत केंद्रीय सहायता पर निर्भर है, उसके मुख्यमंत्री को तथ्य छिपा कर बात नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा का साथ छोड़ने के 13 महीने बाद नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को केंद्रीय सहायता में भेदभाव क्यों दिखने लगा? यदि हिम्मत है तो वे केंद्र से कोई मदद न लेने की घोषणा करें। वे जिससे सहायता लेते हैं, उसे ही कोसने भी लगे हैं।
'...वह क्या केंद्रीय मदद नहीं है?'
उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ से अधिक राशि खर्च कर बिहार में जो आधा दर्जन से ज्यादा मेगा ब्रिज और चार-छह लेन सड़कों का नेटवर्क तैयार हो रहा है, वह क्या केंद्रीय मदद नहीं है? बिहार में जो भी बड़ा ढांचागत विकास हुआ, वह केंद्र की सहायता से संभव हुआ और इससे बिहार के लोगों को रोजगार मिला।
'बेरोजगारी तेजी से बढ़ी और पलायन की नौबत आई'
सुशील मोदी ने कहा कि क्या बिना केंद्रीय मदद के राज्य के 2.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ गए? केंद्र सरकार ने 8,500 करोड़ रुपये खर्च कर बरौनी खाद कारखाना का आधुनिकीकरण कर इसे फिर चालू कराया। नीतीश कुमार क्यों उनके साथ चले गए, जिनके शासन में बरौनी सहित कई कारखाने बंद हुए, बेरोजगारी तेजी से बढ़ी और पलायन की नौबत आई।
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