Bihar Politics: JDU-RJD के बीच अब छिड़ा 'विज्ञापन War', नीतीश-लालू की पार्टियां इस अंदाज में दे रहीं एक-दूसरे को जवाब
Bihar Politics बिहार में एनडीए सरकार बनने के बाद लालू यादव और नीतीश कुमार की पार्टी के बीच विज्ञापन की जंग छिड़ गई है। फिलहाल बिहार के इन दो प्रमुख दलों के बीच जुबानी जंग चल रही है। दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे पर नाना प्रकार के आरोप प्रत्यारोप में लगे हैं। दोनों पार्टियों ने विज्ञापन के जरिए अपने कार्यों का बखान किया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News Today बिहार की राजनीति, यहां की सत्ता में जदयू-राजद की राहें अलग-अलग हो चुकी हैं। बीते सत्रह महीने से साथ-साथ चलने वाले दो दलों के बीच पहले मनभेद हुआ इसके बाद मतभेद भी हो गए। नतीजा दोनों अलग हो गए।
जदयू ने जहां राजद से अलग होकर भाजपा के साथ नई सरकार गठित कर ली, वही राजद प्रतिपक्ष की भूमिका में आ गया है। फिलहाल बिहार के इन दो प्रमुख दलों के बीच जुबानी जंग चल रही है। दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे पर नाना प्रकार के आरोप प्रत्यारोप में लगे हैं।
आरोप- प्रत्यारोप के दौर में राजद
आरोप- प्रत्यारोप के दौर में राजद, एनडीए के 17 साल बनाम महागठबंधन के 17 महीने को आधार बनाकर यदि जदयू या यूं कहें की नई सरकार पर हमलावर है जवाब में जदयू भी चुप नहीं। वह भी अपने ही अंदाज में राजद को पूरा जवाब देने में जुटा हुआ है।राजद यह जताने की कोशिश कर रहा है कि बीते 17 महीने में उप मुख्यमंत्री रहते हुए तेजस्वी ने अपने विजन और सोच के आधार पर विकास की बड़ी लकीर खींची है तो जदयू 2005 से लेकर आज तक हुए विकास, कामों को नीतीश कुमार की दूरगामी सोच का नतीजा बता रहा है। दोनों दलों के बीच क्रेडिट लेने की जंग में बिहार में दो अखबारी विज्ञापन विशेष आकर्षण और चर्चा में हैं।
विज्ञापन ने सारी तस्वीर कर दी साफ
हम आपको बताना चाहते हैं कि 28 जनवरी यानी जिस दिन नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार से नाता तोड़ा और अपना इस्तीफा राज भवन को सौंप एनडीए के साथ नई पारी की शुरुआत की उसके महज चंद घंटे पहले जब लोगों ने सुबह का अखबार खोला तो उनकी नजर एक विज्ञापन पर पड़ी।जिसने सारी तस्वीर साफ कर दी। यह विज्ञापन राजद महागठबंधन परिवार की ओर से जारी किया गया था। इस विज्ञापन का सार कुछ यूं था कि धन्यवाद तेजस्वी, आपने कहा, आपने किया और आप ही करेंगे।
एक पन्ने के इस विज्ञापन में तेजस्वी यादव को यह क्रेडिट देने की कोशिश की गई की उनके नेतृत्व में चार लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी गई। लाखों बहाली एवं नौकरियों को प्रावधान किया गया। देश में पहली बार जाति आधारित गणना कराई गई।आरक्षण के दायरे को बढ़ाकर 75% तक किया गया। नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया गया। स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए काम किए गए शहर में वाटर ड्रेनेज की व्यवस्था की गई।
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