Bihar School News राज्य के निजी विद्यालयों को आरटीई (शिक्षा का अधिकार कानून) मद की बकाये की करीब 50 करोड़ की राशि का भुगतान होगा। यह राशि पिछले पांच वर्षों की है। मंगलवार को प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने सभी 38 जिलों में संचालित निजी विद्यालयों के संगठनों के पदाधिकारियों प्रतिनिधियों विद्यालय संचालकों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (प्रारंभिक शिक्षा) के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Private School News: राज्य के निजी विद्यालयों को आरटीई (शिक्षा का अधिकार कानून) मद की बकाये की करीब 50 करोड़ की राशि का भुगतान होगा। यह राशि पिछले पांच वर्षों की है। मंगलवार को प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने सभी 38 जिलों में संचालित निजी विद्यालयों के संगठनों के पदाधिकारियों, प्रतिनिधियों, विद्यालय संचालकों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (प्रारंभिक शिक्षा) के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की।
बैठक में उन्होंने संबंधित निजी विद्यालयों के संचालकों को निर्देश दिया कि वर्ष 2019-20 से लेकर वर्ष 2023-24 तक के पांच वर्षों के बकाये की राशि के भुगतान के लिए 15 अगस्त तक आनलाइन आवेदन करें। उसके बाद उन्हें डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा।
आरटीई के तहत प्रस्वीकृति प्राप्त निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटों पर प्रत्येक वर्ष अलाभकारी समूह एवं कमजोर वर्ग के वैसे बच्चों की निशुल्क शिक्षा देने का प्राविधान है, जिनके अभिभावक की वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है। इस राशि की भरपाई संबंधित निजी विद्यालयों को सरकार द्वारा की जाती है।
10 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन
प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने बैठक में निजी विद्यालयों को निर्देश दिया कि बिना प्रस्वीकृति के चल रहे विद्यालयों को शिक्षा का अधिकार कानून के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए वे 10 अगस्त तक ज्ञानदीप पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करें।
निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की आधार सीडिंग का कार्य भी अविलंब पूरा करें। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जतायी कि निजी विद्यालयों में पढ़ रहे केवल एक प्रतिशत बच्चों की ही अब तक आधार सीडिंग हुई है। निजी विद्यालयों की प्रस्वीकृति के आवेदन के लिए एक पेज का फार्मेट भी जारी किया गया।
निदेशक मिथिलेश मिश्र ने बताया कि शिक्षा का अधिकार कानून के तहत पहले चरण में प्रस्वीकृत निजी विद्यालयों के पहली कक्षा में 25 प्रतिशत सीटों के विरुद्ध आठ हजार बच्चों का नामांकन हो चुका है। सिर्फ तीन दिनों में पांच हजार बच्चों ने नामांकन कराया है। दूसरे चरण के दाखिले के लिए एक हजार आवेदन आए हैं।
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