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Bihar Rain News: मानसून के कमजोर पड़ने से आधी भी नहीं हुई धान की रोपनी, बोरिंग से सिचाई करने को हुए मजबूर

Bihar Rain News बिहार में सामान्य से 37 प्रतिशत कम बारिश होने के कारण किसानों की बेचैनी बढ़ गई है। धूप इतनी कड़ी हो रही है कि धान के बिचड़े जलने लगे हैं। किसान बोरिंग से सिंचाई करने को मजबूर हैं ताकि बिचड़ों को बचाया जा सके। केवल धान ही नहीं मक्का समेत अन्य फसलों की खेती पर भी बुरा असर पड़ा है।

By Raman Shukla Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Wed, 31 Jul 2024 11:58 PM (IST)
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आधी भी नहीं हुई धान की रोपनी (जागरण फोटो)
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Rain: राज्य में मानसून के कमजोर पड़ने एवं अभी तक सामान्य से 37 प्रतिशत कम वर्षा होने के कारण किसानों की बेचैनी बढ़ गई है। अब प्रचंड धूप के कारण धान के बिचड़े जलने लगे हैं। किसान बोरिंग से सिंचाई कर बिचड़ों को बचाने का जतन कर रहे हैं। अहम यह बारिश नहीं होने से धान की रोपनी के साथ मक्का समेत अन्य फसलों की खेती भी प्रभावित हुई है।

सरकारी मदद के बाद भी बोरिंग व नहरों से सिंचाई के साधन कारगर सिद्ध नहीं हो रहे हैं। चालू खरीफ वर्ष में तय लक्ष्य 36,60, 973 हेक्टयर की तुलना में अभी तक मात्र 17,03,802 हेक्टेयर परिक्षेत्र में धान की रोपनी हुई है। आंकड़े बता रहे हैं कि आधी रोपनी भी नहीं हुई है।

केवल किशनगंज में सामान्य से मामूली अधिक बारिश

चालू मानसून में बिहार का एक मात्र जिले किशनगंज में अभी तक सामान्य से मामूली अधिक बारिश हुई है। इसके अतिरिक्त कोई भी ऐसा जिला नहीं है जहां अभी तक पर्याप्त वर्षा हुई हो। ऐसी तमाम स्थितियों को देखते हुए जल संसाधन विभाग किसानों को रोपनी व बिचड़ा बचाने के लिए सिंचाई का पानी हर हाल में उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है।

चालू खरीफ की खेती के लिए जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी का दावा है कि 22 लाख हेक्टेयर में अभी तक पटवन के लिए पानी उलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया गया है। उधर, अभी तक सामान्य 503.8 की तुलना में मात्र 319.7 मिमी ही बारिश हुई है। ऐसे में किसानों को अब सूखे की चिंता सताने लगी है।

केवल इन किसानों को मिलेगा डीजल पर अनुदान

कृषि मंत्री मंगल पांडेय बताया कि खड़ी फसल को बचाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। धान, मक्का एवं अन्य खरीफ फसलों के अंतर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगन्धित पौधे की अधिकतम तीन सिंचाई के लिए 2,250 रुपये प्रति एकड़ देय होगा। यह अनुदान प्रति किसान अधिकतम आठ एकड़ सिंचाई के लिए देय होगा। डीजल अनुदान की राशि आवेदक के आधार से जुड़े बैंक खाते में भेजी जाएगी।

जिलों में डीजल अनुदान वितरण की आवश्यकता का आकलन जिला अधिकारी द्वारा कृषि टास्क फोर्स की बैठक में करने के पश्चात आवश्यकता के अनुरूप डीजल अनुदान वितरण का निर्णय लिया जा सकेगा। डीजल अनुदान योजना खरीफ 2024 का लाभ प्राप्त करने के लिए विज्ञापन प्रकाशन में अंकित तिथि से 30 अक्टूबर तक खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए क्रय किए गए डीजल पर ही अनुदान का लाभ मान्य होगा।

मानसून की स्थिति व किसानों की कठिनाई को ध्यान में रखते हुए जल संसाधन विभाग की ओर से चिह्नित सिंचाई क्षेत्र के हर खेत में नहरों से पानी पहुंचाने की मुकम्मल व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। विभाग के अधिकारियों को विशेषतौर पर निगरानी करने एवं पटवन के लिए खेत तक पानी पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। मैं स्वयं प्रतिदिन शीर्ष अधिकारियों से रिपोर्ट ले रहा हूं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहली प्राथमिकता किसान हैं।--विजय चौधरी, जल संसाधन मंत्री

सरकार धान के बिचड़ों एवं रोपे गए धान तथा मक्का आदि की फसल को सूखने से बचाने तथा खाली पड़े खेतों में धान की रोपनी हो पाये, इसके लिए हर संभव प्रयास कर रही है। नहरों से पानी खेत तक पहुंचाने के साथ ही 14 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है। इसके अतिरिक्त डीजल अनुदान प्रबंध किया गया है। किसानों की मदद के लिए निरंतर निगरानी की जा रही है।--मंगल पांडेय, कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री

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