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Bihar Real Estate: बिहार में अब आपकी अनुमति के बिना नहीं रुकेगा प्रोजेक्ट! RERA ने लागू की नई SOP

बिहार रेरा ने नई मानक संचालन प्रक्रिया लागू की है जिसमें रियल एस्टेट परियोजना को रद करने से पहले आवंटियों की सहमति ली जाएगी। इसके लिए प्रमोटर को निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन करना होगा और सार्वजनिक नोटिस जारी कर सुनवाई होगी। आवंटियों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। संबंधित पीठ कम से कम 30 दिन की नोटिस देकर सुनवाई निर्धारित करेगी।

By Rajat Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sat, 28 Sep 2024 03:15 PM (IST)
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बिहार में रेरा ने लागू की नई एसओपी (जागरण)

 राज्य ब्यूरो, पटना। अब किसी रियल इस्टेट परियोजना को रद करने से पहले आवंटियों की भी सहमति ली जाएगी। इस संबंध में प्रमोटर-भूमि मालिक के आवेदन पर सार्वजनिक नोटिस जारी कर सुनवाई होगी, जिसमें आवंटियों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। इसको लेकर बिहार रेरा ने नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) लागू की है।

नए प्रविधान के अनुसार प्रमोटर को निर्धारित शुल्क के साथ प्राधिकरण को निर्धारित फार्मेट (फार्म-1) में आनलाइन आवेदन करना होगा। परियोजना रद कराने के लिए प्रमोटर को प्राधिकरण द्वारा निर्धारित अतिरिक्त प्रशासनिक शुल्क का भुगतान करना होगा।

प्रोजेक्ट निबंधन के एक साल के भीतर आवेदन करने पर 1.5 लाख रुपये, दो वर्ष के पहले आवेदन करने पर तीन लाख रुपये और दो वर्ष बाद आवेदन करने पर छह लाख रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगेगा।इसके बाद आनलाइन आवेदन के साथ दिए गए सभी आवश्यक दस्तावेज की जांच कर उसे प्राधिकरण की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

संबंधित पीठ कम से कम 30 दिन की नोटिस देकर सुनवाई निर्धारित करेगी तथा प्रमोटर को सुनवाई से कम से कम 15 दिन पहले एक हिंदी और एक अंग्रेजी समाचार पत्र में नोटिस प्रकाशित करने का निर्देश देगी। नोटिस में परियोजना के तमाम विवरण के साथ सुनवाई की तिथि भी रहेगी। सहमति से प्रोजेक्ट निरस्त होने पर निबंधित डीड को रोकने के लिए आइजी रजिस्ट्रेशन को पत्र लिखा जायेगा। साथ ही संबंधित बैंक को भी लेनदेन रोकने के लिए सूचित किया जाएगा।

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