बिहार में अब जमीन-फ्लैट से लेकर विवाह तक का निबंधन होगा ऑनलाइन, सिर्फ गवाही के लिए जाना होगा ऑफिस
बिहार में जमीन-फ्लैट से लेकर विवाह तक के निबंधन की प्रक्रिया अब और भी आसान होने जा रही है। राज्य के 11 नए निबंधन कार्यालयों में ई-सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन निबंधन की शुरुआत हो रही है। इस सुविधा के शुरू होने के बाद निबंधन दस्तावेज भरने से लेकर ई-चालान तक ऑनलाइन जमा हो जाएगा। सिर्फ गवाही यानी इकरार के लिए ही तय समय पर निबंधन कार्यालय आना होगा।
राज्य ब्यूरो, पटना। अगले सप्ताह से प्रदेश के 11 नए निबंधन कार्यालयों में ई-सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन निबंधन की शुरुआत हो जाएगी। इसको लेकर एक-दो दिन में मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही, पटना में सदर निबंधन कार्यालय को छोड़कर जिले के सभी नौ निबंधन कार्यालयों में ई-निबंधन के माध्यम से ऑनलाइन निबंधन शुरू हो जाएगा।सुविधा शुरू होने के बाद जमीन-फ्लैट से लेकर विवाह तक का निबंधन दस्तावेज भरने से लेकर ई-चालान तक ऑनलाइन जमा हो जाएगा। सिर्फ गवाही यानी इकरार के लिए ही तय समय पर निबंधन कार्यालय आना होगा।
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अनुसार, राज्य के सभी जिलों में चरणवार तरीके से ई-सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन निबंधन का काम शुरू होगा। वर्तमान में पायलट प्रोजेक्ट के तहत पटना जिले के दानापुर, बिहटा, पटना सिटी, फतुहा और जहानाबाद में ऑनलाइन व्यवस्था लागू है। इसकी सफलता के बाद अब चरणवार सुविधा का विस्तार किया जा रहा है।इसको लेकर नए सॉफ्टवेयर पर संबंधित डाटा अपलोड करने की प्रक्रिया चल रही है। नए आदेश के बाद बाढ़, बिक्रम, मसौढ़ी, फुलवारीशरीफ और संपतचक निबंधन कार्यालय के साथ ही पटना से सटे जिलों के ग्रामीण अंचलों के पांच से छह निबंधन कार्यालयों में भी ऑनलाइन माध्यम से दस्तावेजों के निबंधन की शुरुआत हो जाएगी।
कातिबों को प्रमंडलवार मिल रहा प्रशिक्षण
निबंधन विभाग की ओर से नए सॉफ्टवेयर को लेकर राज्य भर के कातिबों का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। दो से 11 सितंबर तक चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रमंडलवार कातिबों को प्रशिक्षित किया जाएगा। पहले दिन सोमवार को पटना प्रमंडल के कातिबों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।अधिकारियों के अनुसार, ई-निबंधन के लिए मॉडल डीड की सुविधा तो ली ही जा सकती है, इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग निबंधन दस्तावेज कातिबों की मदद से भी भरवाते हैं। ऐसे में उन्हें ई-निबंधन सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि इसे आसानी से पूरे प्रदेश में लागू कराया जा सके।
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