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Bihar RERA: स्वीकृत प्रोजेक्ट का विस्तार करने पर बिल्डरों को देना होगा अतिरिक्त शुल्क, 2 लाख रुपये लगेगा सरचार्ज

बिहार रेरा (Bihar RERA) ने स्वीकृत नक्शे से इतर प्रोजेक्ट का विस्तार करने पर बिल्डरों के लिए अतिरिक्त शुल्क का प्रावधान किया है। अतिरिक्त फ्लैट दुकान या ऑफिस के निर्माण पर 2 लाख से 8 लाख रुपये तक का सरचार्ज देना होगा। साथ ही परियोजना में फ्लैट बुक कराने वाले दो तिहाई आवंटियों की शपथ पत्र पर सहमति भी अनिवार्य होगी।

By Rajat Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 06 Nov 2024 03:04 PM (IST)
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परियोजना में फ्लैट बुक कराने वाले दो तिहाई आवंटियों की शपथ पत्र पर सहमति भी अनिवार्य होगी।
राज्य ब्यूरो, पटना। अब बिहार रेरा से स्वीकृत नक्शे से इतर प्रोजेक्ट का विस्तार करने पर बिल्डरों को अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होगा। स्वीकृत परियोजना में यदि अतिरिक्त फ्लैट, दुकान, ऑफिस आदि का निर्माण किया जाता है, तो संख्या के अनुसार दो लाख रुपये से लेकर आठ लाख रुपये तक राशि जमा करनी होगी। इतना ही नहीं, परियोजना में फ्लैट बुक कराने वाले दो तिहाई आवंटियों की शपथ पत्र पर सहमति भी अनिवार्य होगी।

बिहार रेरा के आदेश के अनुसार, किसी परियोजना में अगर 20 की संख्या तक अतिरिक्त फ्लैट, दुकान या कार्यालय निर्माण पर अतिरिक्त दो लाख रुपये सरचार्ज लगेगा। इसी तरह, 21 से 40 तक अतिरिक्त फ्लैट, दुकान, कार्यालय, भूखंड के लिए चार लाख रुपये, 41 से 60 तक अतिरिक्त फ्लैट, दुकान, कार्यालय, भूखंड के लिए छह लाख रुपये और 60 से अधिक अतिरिक्त फ्लैट, दुकान, कार्यालय, भूखंड के लिए आठ लाख रुपये तक का सरचार्ज देना होगा।

बिल्डरों के लिए एक और निर्देश

प्राधिकरण ने निर्णय लिया है कि ऐसे मामलों में बिल्डरों को बुकिंग कराने वाले सभी आवंटियों का नाम, ई-मेल आईडी, पता और संपर्क नंबर जमा कराना होगा।

परियोजना में फ्लैट बुक कराने वाले दो तिहाई आवंटियों की शपथ पत्र पर सहमति जरूरी होगी। प्रमोटर हलफनामा देंगे कि आवंटियों के नाम और संख्या सही है तथा किसी भी विसंगति के लिए उन पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। बिल्डर को संशोधित नक्शा, भवन निर्माण का अनुमति प्रमाण पत्र और नए नक्शे के अनुसार उपलब्ध दुकान, फ्लैट, भूखंड, कार्यालय का संशोधित सेल एग्रीमेंट भी जमा कराना होगा।

वित्त विभाग में बनेगा क्लाइमेट फाइनेंस सेल

जलवायु परिवर्तन भविष्य में नाना प्रकार की चुनौतियों का कारण बनने वाला है। लक्षण अभी से दिखने लगे हैं। ऐसे में सरकार का प्रयास भविष्य मेंं होने वाले नुकसान को कम करने का है। उसके लिए वित्त विभाग में एक महत्वपूर्ण पहल हो रही है। वहां यथाशीघ्र क्लाइमेट फाइनेंस सेल की स्थापना होगी। उसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान से निपटने के लिए विभिन्न विभागों के बीच आवश्यक वित्तीय समन्वय स्थापित करना है। इस सेल का मुख्य कार्य जलवायु से संबंधित परियोजनाओं की पहचान और उसके लिए वित्त की व्यवस्था करना होगा।

इस सेल में सरकारी कर्मियों के साथ विशेषज्ञ एजेंसियों की भी सेवा ली जाएगी, ताकि वित्त उपलब्ध कराने में उनकी सहायता ली जा सके। उल्लेखनीय है कि बिहार पहला राज्य है, जहां हरित बजट प्रस्तुत किया जाता है। इससे भी क्लाइमेट फाइनेंस से संबंधित तंत्र विकसित करने में सहायता मिली है।

वर्ष-प्रति-वर्ष हरित बजट प्रविधान में वृद्धि की जा रही है। इस वित्तीय वर्ष में चिह्नित योजनाओं के लिए हरित बजट आवंटन काफी बढ़ा है। इस मद में आवंटन की तुलना में व्यय का अनुपात भी उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के 58 प्रतिशत की तुलना में 2021-22 में व्यय बढ़कर 88 प्रतिशत हो गया।

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