Bihar RERA: डिफॉल्टर बिल्डरों पर बिहार रेरा की बड़ी कार्रवाई, संपत्ति नीलाम कर ग्राहकों को लौटाएगा पैसा
बिहार रेरा ने डिफॉल्टर बिल्डरों की संपत्ति नीलाम कर ग्राहकों के पैसे लौटाने का फैसला किया है। रेरा ऐसे मामलों में दोषी बिल्डर की संपत्तियों की पहचान कर उनका मूल्यांकन कराएगा और फिर नीलामी कर आवंटियों के बीच पैसे बांटेगा। इसको लेकर बिहार रेरा ने विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पढ़ें।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar RERA News लंबे समय से अटके और डिफॉल्टर घोषित किए जा चुके रियल इस्टेट प्रोजेक्ट में ग्राहकों की फंसी राशि वापस करने को लेकर बिहार रेरा ने बड़ी पहल की है। बिहार रेरा ऐसे मामलों में दोषी बिल्डर की तमाम संपत्तियों की पहचान करते हुए उनका मूल्यांकन कराएगा। इसके बाद इन संपत्तियों की नीलामी कर आवंटियों के बीच निश्चित अनुपात में उसका वितरण सुनिश्चित किया जाएगा।
इसको लेकर बिहार रेरा ने विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। अभी तक ऐसी डिफॉल्टर या बंद पड़ी रियल इस्टेट परियोजनाओं के आवंटियों की राशि लौटाने के लिए जिला प्रशासन की कार्रवाई का इंतजार करना पड़ता था, मगर अब रेरा अपने स्तर से यह कार्रवाई कर सकेगा।
क्या कहती है रेरा की नई एसओपी?
एसओपी के अनुसार, डिफॉल्टर प्रमोटर या बिल्डर की परिसंपत्तियों का पता लगाने के लिए रेरा निबंधन के समय दी गई जानकारी के आधार पर कंपनी, निदेशक व भागीदारों की पहचान करते हुए उनकी संपत्ति का विवरण तैयार करेगा। इसके लिए आयकर विभाग, संबंधित बैंक और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को पत्र लिख कर कंपनी से जुड़ी जमा राशि, सरकारी प्रतिभूतियां, ऋण, शेयर, बांड पेपर आदि का पता लगाया जाएगा।इसके साथ ही डीएम से अचल संपत्तियों का ब्योरा और जिला परिवहन पदाधिकारियों से उन संस्थाओं के नाम पर वाहनों का विवरण मांगा जाएगा। समाचार पत्र में सार्वजनिक नोटिस देकर भी जानकारी ली जाएगी।जानकारी मिलने के बाद दूसरे चरण में संपत्तियों का मूल्यांकन करते हुए उनकी जब्ती व बिक्री कर राशि वसूली जाएगी। इसके लिए संबंधित प्रमोटर या उस परियोजना से लाभान्वित हो रहे पार्टनर, फर्म, ट्रस्ट आदि के बैंक खाते को फ्रीज कर जब्त किया जाएगा। फिर प्रमोटरों की चल-अचल संपत्तियों की नीलामी कर पैसे जमा किये जाएंगे।
इसके बाद रेरा में शिकायत दर्ज कराने वाले परियोजना से जुड़े आवंटियों को किस्तों में राशि का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा प्राधिकरण में शिकायत दर्ज नहीं कराने वाले अन्य आवंटियों की पहचान के लिए सार्वजनिक सूचना जारी की जाएगी। ऐसे मामले में आवंटियों को भुगतान साक्ष्य के साथ दावा पेश करना होगा।नीलामी से मिलने वाली राशि की पहली किस्त से परियोजना के शिकायतकर्ता आवंटियों को केवल मूल राशि ही वितरित की जाएगी। यह बुकिंग के लिए आवंटियों द्वारा प्रमोटर को भुगतान की गई वास्तविक राशि होगी। यदि शिकायतकर्ता आवंटियों के बीच वितरण के बाद एकत्रित राशि बचती है, तो दूसरी किस्त में आनुपातिक रूप से ब्याज का भुगतान किया जाएगा। मुआवजा राशि के वितरण पर निर्णय प्राधिकरण द्वारा अलग से लिया जाएगा।
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